Sharad Pawar NCP claims Satara seat Lost Same Election Symbol Turha Confusion with Indpendent Candidate

Sharad Pawar NCP claims Satara seat Lost Same Election Symbol Turha Confusion with Indpendent Candidate


Maharashtra Lok Sabha Chunav 2024: शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने शुक्रवार को एक बड़ा दावा किया है. उनकी तरफ से कहा गया है कि एक निर्दलीय उम्मीदवार और उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह एक जैसा होने की वजह से मतदाता भ्रमित हो गए, इसकी वजह से ही उन्होंने एक सीट भी खो दी. एनसीपी (SP) की तरफ से कहा गया कि लोकसभा चुनाव के एक समान चुनाव चिन्ह की वजह से कई सीटों पर उनके जीत के अंतर को भी कम कर दिया. अब एनसीपी (SP) इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग से संपर्क करने की योजना बना रहा है.

बता दें कि पिछले साल जुलाई में एनसीपी का विभाजन होने के बाद शरद पवार गुट को तुतारी (तुरही बजाता हुआ व्यक्ति) का चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था, वहीं इस लोकसभा चुनाव में एक निर्दलीय उम्मीदवार को पिपानी’ (तुरही) नाम का एक चुनाव चिन्ह दिया गया जो कि एनसीपी (SP) के चुनाव चिन्ह के समान दिखता है.  

सतारा सीट हार की वजह चुनाव चिन्ह
एनसीपी (SP) की तरफ से दावा किया गया है कि एक समान दिखने वाले चुनाव चिन्ह की वजह से वे सतारा लोकसभा सीट हार गए. क्योंकि मतदाताओं में चुनाव चिन्ह को लेकर भ्रम था. सतारा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवार संजय गाडे को पिपानी चुनाव चिन्ह की वजह से 37,062 वोट मिले. जबकि एनसीपी (SP) के उम्मीदवार शशिकांत शिंदे बीजेपी के उदयनराजे भोसले से 32,771 वोटों के अंतर से हार गए. मामले को लेकर शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा वे मामले को लेकर चुनाव आयोग से संपर्क करेंगे. एनसीपी (SP) की तरफ से दावा किया गया कि समान चुनाव चिन्ह की वजह से ही कई सीटों पर जीत का अंतर भी कम हो गया. उन सीटों पर पिपानी चुनाव चिन्ह वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने 40 से 50 हजार वोट हासिल किए.

डिंडोरी लोकसभा भी कुछ ऐसा ही हुआ 
एनसीपी (SP) प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि डिंडोरी लोकसभा सीट पर भी कुछ ऐसा ही हुआ जहां एनसीपी केंद्रीय राज्य मंत्री भारती पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रही थी. वहां पिपानी चुनाव चिह्न की वजह से निर्दलीय उम्मीदवार बाबू भागरे को 1,03,632 वोट मिले. लेकिन किस्मत अच्छी रही कि यहां एनसीपी (SP) के उम्मीदवार भास्कर भगारे ने बड़ी बढ़त ली थी. जिसकी वजह से वो 1.13 लाख वोटों से जीत गए.

निर्दलीय को एनसीपी (SP) उम्मीदवार समझ मिले वोट
जयंत पाटिल ने कहा बीड में भी एक निर्दलीय उम्मीदवार अशोक थोराट ने एनसीपी (SP) के समान चिन्ह होने की वजह से 54,850 वोट हासिल किए. इसी सीट पर एनसीपी (SP) के उम्मीदवार बजरंग सोनवणे ने बीजेपी की पंकजा मुंडे के खिलाफ 6,553 वोटों से जीत हासिल की. जो निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा था वो राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं था. लेकिन मतदाताओं ने एनसीपी का उम्मीदवार समझकर निर्दलीय को वोट किए. बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में एनसीपी (SP) को 8 सीटों पर जीत मिली है.  

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