Sam Pitroda raised questions on EVM says evm can manipulate and ballot paper system best option in election

Sam Pitroda raised questions on EVM says evm can manipulate and ballot paper system best option in election


ईवीएम विवाद: कांग्रेस चुनाव के दौरान विरासत कर जैसे विवादित बयान देने वाले कांग्रेस ओवरसीज के पूर्व अध्यक्ष सैम पित्रोदा अब ईवीएम की भरोसेमंद पर सवाल उठाते हैं। सैम पित्रोदा ने सोमवार (17 जून) को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है ऐसे में पेपर बैलेट सिस्टम से चुनाव करना ही ठीक है। उन्होंने कहा कि बैलेट की काउंटिंग से हारना और जीत का फैसला होना ही सबसे सही व्यवस्था है।

उत्साहित, सैम पित्रोदा ने एक्स पर लिखा, ‘मैंने 60 साल से ज्यादा समय तक इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, आईटी, सॉफ्टवेयर जैसे क्षेत्र में काम किया है। इस दौरान मैंने ई-मेल की व्यवस्था का पूरा अध्ययन किया है और मेरा कहना है कि इससे छेड़छाड़ करना संभव है। इस तरह से सबसे अच्छा तरीका यह है कि बैलेट पेपर से ही चुनाव हो और उसकी काउंटिंग से ही हार और जीत का फैसला किया जाए।

चुनाव आयोग को EVM पर विचार करने की जरूरत है- सैम पित्रोदा

सैम पित्रोदा ने आगे कहा कि भारत में हाल ही में हुए चुनावउन दिनों वीवीपती, मतदाता सूची, डाले गए वोट, गिने गए वोट, अंतर, विजेता, हारने वाले आदि के बारे में भ्रम पैदा हुए थे और चुनाव आयोग के बीच विश्वास कायम करने के लिए अनेक विचार किए जाने की आवश्यकता है।

मछलियाँ के EVM पर रिपोर्ट देने के बाद भारत में मची खलबली

बता दें कि, भारत में ई-मेल पर मचे बवाल से अमेरिका की दिग्गज कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क के बयानों के कारण भारत की सियासत भी गरमा गई है। ऐसे में सैम पित्रोदा ने कहा कि उनके तथ्य स्पष्ट हैं। ऐसे में यह सिर्फ ई-मेल मशीन ही नहीं है, बल्कि वीवीपैट और उससे जुड़ी डेस्कटॉप और लॉजिस्टिक्स के साथ एक जटिल प्रणाली है, जिसमें सुखद छेड़छाड़ की गुंजाइश है।

जानें पूरा मामला क्या है?

विवादित है कि मिड डे अखबार की रिपोर्ट से यह विवाद शुरू हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से शिंदे गुट के उम्मीदवार रविंद्र वायकर के एक रिश्तेदार ने ई-मेल को मोबाइल से कनेक्ट कर लिया था। ऐसा कई दिन पहले हुआ था, जिसमें रविंद्र वायकर 48 वोटों के मामूली अंतर से ही चुनाव जीते थे। वहीं, जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो चुनाव आयोग ने इस पर सफाई दी और कहा कि ओटीपी जैसा कोई सिस्टम ईवीएम में नहीं है।

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