लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान बीजेपी को जनता ने पूर्ण बहुमत से जिताया था. जहां पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी और वडोदरा सीट दोनों ही सीटों से चुनाव जीत गए थे. वहीं, पीएम मोदी के सामने वाराणसी लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस से अजय राय खड़े थे.
20 मई को संसदीय इतिहास में पहली बार कुछ ऐसा हुआ था जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. देश के भावी पीएम नरेंद्र मोदी जब संसद पहुंचे तो लोकतंत्र के मंदिर के द्वार पर सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया था.
16 मई, 2014 को 16वें लोकसभा चुनाव के नतीजे जब दोपहर तक घोषित हुए तो बीजेपी को जनता ने ऐतिहासिक विजय का ताज पहना दिया था. जहां पर बीजेपी पहली बार अपने दम पर बहुमत का स्पष्ट आंकड़ा पार करते हुए 282 सीटों तक पहुंची थी.
देश के लोकतांत्रिक इतिहास में 26 मई का खास महत्व है, क्योंकि इस दिन साल 2014 में लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने देश के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.
लोकसभा चुनाव 2019 में बंपर जीत हासिल करने के बाद संसद के सेंट्रल हाल में एनडीए में शामिल दलों के नेताओं की बैठक हुई थी. इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल, जेडीयू, शिवसेना और अन्य दलों ने सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के गठन से पहले अपने मंत्रिपरिषद के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया था.
साल 2019 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के 57 सहयोगियों को शपथ दिलाई थी. इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों, नौ राज्यमंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्यमंत्रियों ने भी शपथ ली थी.
साल 2014 से लगातार दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने आज अपना इस्तीफा दे दिया. पीएम मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और मंत्रिपरिषद के साथ अपना इस्तीफा दिया. राष्ट्रपति ने इस्तीफे को स्वीकार कर लिया और नरेन्द्र मोदी और मंत्रिपरिषद को नई सरकार के गठन तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया है.
Published at : 05 Jun 2024 06:15 PM (IST)