भाजपा को राष्ट्रीय चुनाव परिणामों में झटका मिला है। उत्तर प्रदेश में 33 शव बरामद किए गए। हर मुद्दे का पता लगाने के लिए बीजेपी ने टीम तैयार कर दी है। यूपी की बरेली और आंवला लोकसभा सीट पर भितरघात हुआ या फिर कोई और मुद्दा हार का कारण बना।
इन सभी सवालों को लेकर आलाकमान ने पर्यवेक्षकों को मैदान में उतारा है। जहां भाजपा ने बरेली की दोनों संसदीय सीटों पर प्रदर्शन की समीक्षा के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। दोनों टीमों ने बुधवार को हर बूथ पर मिले वोटों की समीक्षा की।
ऐसे में भाजपा में जहां भितरघात हुआ, जहां पार्टी कार्यकर्ता मतदाताओं को साध नहीं पाए, विरोध क्यों कर रहा आदि कारणों को जानने की कोशिश की जाएगी। जहां बरेली लोकसभा सीट पर भाजपा के मेनस्ट्रीम छत्रपाल सिंह गंगवार को 5,67,127 वोट मिले, वहीं इंडिया अलायंस के मेनस्ट्रीम प्रवीण सिंह ऐरन को 5,32,323 वोट मिले।
भाजपा के सेमीफाइनलिस्ट छत्रपाल सिंह गंगवार ने अपने प्रतिद्वंद्वी भारतीय गठबंधन के सेमीफाइनलिस्ट प्रवीण सिंह ऐरन को 34,804 वोटों से हराया। यहां पार्टी की जीत का अंतर साल 2019 से बहुत कम रहा। उस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार संतोष गंगवार ने 1,67,282 वोटों से जीत दर्ज की थी।
उत्साहित, 5 साल में बीजेपी प्रमुख के वोट का आंकड़ा मात्र 1,857 वोट ही बढ़ सका। जबकि, भोजपुरिया और नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने सपा को कम वोट दिया। उधर, आंवला में भाजपा सुप्रीमो धर्मेंद्र कश्यप भारतीय गठबंधन के उम्मीदवार नीरज मौर्य से 15,969 वोटों से हार गए।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र कश्यप को 5,37,675 वोट मिले थे। जबकि, इस चुनाव में उन्हें 4,76,546 वोट ही मिले। जहां भाजपा को पिछले 5 सालों में इस सीट पर 61,129 वोटों का नुकसान हुआ था। वहीं, भाजपा का दोनों धड़ों पर वोट कम हुआ है।
इस तरह भाजपा की सभी योजनाओं का लाभ उठाने और लगातार अभियान चलाने के बावजूद पार्टी का वोट घटाने से पार्टी स्तर पर चिंता का विषय है। वोटों में इस गिरावट को पता लगाने के लिए समीक्षा शुरू हो रही है। इसके लिए पार्टी ने पर्यवेक्षक भी बनाए हैं।
प्रकाशित समय : 20 जून 2024 04:44 PM (IST)