Congress Leader Gaurav Gogoi Said Dont expect PM Modi to take note of RSS chief Mohan Bhagwat remarks on Manipur Violence

Congress Leader Gaurav Gogoi Said Dont expect PM Modi to take note of RSS chief Mohan Bhagwat remarks on Manipur Violence


Congress Attacked PM Modi: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार (11 जून) को एक बार फिर मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है. इस दौरान गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री से उम्मीद नहीं की जाती कि वह हिंसा प्रभावित मणिपुर में मौजूदा हालात पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के शब्दों पर ध्यान देंगे. गौरव गोगोई ने कहा कि फिलहाल पीएम पूर्वोत्तर राज्यों को नजरअंदाज ही करेंगे. इसके अलावा, जां एजेंसियों का दुरुपयोग करेंगे और भारतीय संविधान को तोड़ने-मरोड़कर पेश करने की कोशिश करेंगे.

इंडिया टुडे एनई की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल, नागपुर में संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बीती 10 जून को चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर मणिपुर विवाद को प्राथमिकता के तौर पर सुलझाने की जरूरत पर जोर दिया था. इस दौरान भागवत ने कहा था कि “मणिपुर को शांति का इंतजार करते हुए एक साल हो गया है. पिछले 10 सालों से राज्य शांतिपूर्ण रहा, लेकिन अचानक बंदूक संस्कृति फिर से बढ़ गई है. संघर्ष को प्राथमिकता के तौर पर हल करना महत्वपूर्ण है.

PM मोदी पर गौरव गोगोई ने बोला हमला

वहीं, मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर से बचेंगे, कानून प्रवर्तन एजेंसियों का दुरुपयोग करेंगे और संविधान को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश करेंगे. ऐसे में शुक्र है कि लोगों ने अपनी ओर से बोलने और संसद तथा संविधान की रक्षा करने के लिए इंडिया गठबंधन को चुना है.

1 साल से ज्यादा समय से मणिपुर में हिंसा जारी

बता दें, एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी राज्य में हालात गंभीर बने रहने पर आरएसएस प्रमुख ने सोमवार को चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि संकट से घिरे राज्य की हालत पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाना चाहिए.

मणिपुर मुद्दे को लेकर PM मोदी की इंडिया गठबंधन ने की थी आलोचना

दरअसल, पिछले साल 3 मई को मणिपुर में कुकी और मैतेई लोगों के बीच जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 200 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं. यह हिंसा मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान भड़की थी. हालांकि, पिछले साल संसद के मानसून सत्र के दौरान, विपक्षी दलों, जिनमें इंडिया गठबंधन के दल भी शामिल थे, उन्होंने मणिपुर मुद्दे पर कुछ न बोलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना भी की थी.

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