बाबरी मस्जिद विवाद: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने 12वीं और 11वीं कक्षाओं की राजनीति विज्ञान की पुस्तकों में कई बड़े बदलाव किए हैं। जिसमें एनसीईआरटी ने 12वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की किताब ‘बाबरी मस्जिद’ शब्द को हटा दिया है। इसकी जगह पर ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ शब्द का प्रयोग किया गया है। इनके लिए अब ई-मेल चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एनसीईआरटी और मोदी सरकार पर निशाना साधना चाहा है।
हैदराबाद, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि एनसीईआरटी नेबबली मस्जिद की जगह “तीन गुंबद वाली संरचना” शब्द लिखने का फैसला किया है। इसने अयोध्या के फैसले को “सर्वसम्मति” का उदाहरण भी बताया है। ओवैसी ने आगे कहा कि भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के विध्वंसक को “घोर आपराधिक कृत्य” कहा है।
इस दौरान एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि वर्ष 1949 में एक खुली मस्जिद को अपवित्र किया गया और फिर 1992 में भीड़ ने उसे ध्वस्त कर दिया। ऐसे में एनसीईआरटी को आपराधिक प्रवृत्ति का महिमामंडन करते हुए बड़ा नहीं होना चाहिए।
NCERT ने बाबरी मस्जिद की जगह “तीन गुंबद वाली संरचना” शब्द रखने का फैसला किया है। इसने अयोध्या फैसले को “सर्वसम्मति” का उदाहरण बताने का भी फैसला किया है। भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस को “घोर आपराधिक कृत्य” कहा है।
— असदुद्दीन ओवैसी (@asadowaisi) 18 जून, 2024
आखिर पूरा मामला क्या है?
प्रेरित, एनसीईआरटी की पुरानी किताब में 16वीं सदी की मस्जिद को रूप में पेश किया गया है, जिसे मुगल बादशाह बाबर के जनरल मीर बाकी ने बनवाया था। हालाँकि, अब, अध्याय में इसे ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ के रूप में दिखाया गया है, जिसे वर्ष 1528 में श्री राम के जन्मस्थान पर बनाया गया था, लेकिन संरचना के आंतरिक और बाहरी हिस्से में हिंदू गुंबद और अवशेषों का साफतौर पर प्रदर्शन किया गया था। गया था.
जबकि, एनसीईआरटी की पुरानी किताब में दो पन्नों से ज्यादा फैजाबाद (अब अयोध्या) जिला न्यायालय के आदेश पर फरवरी 1986 में मस्जिद की पुस्तिका घूम जाने के बाद ‘दोनों तरफ’ की लांबांज़ी का बखान किया गया था।
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