जगन मोहन रेड्डी को गुरुवार (29 अगस्त, 2024) को तब झटका लगा, जब एआईएसआरसीपी के राज्यसभा के दो सदस्यों ने सदन से इस्तीफा दे दिया।
वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी की ओर से संसद के उच्च सदनों की सदस्यता से इस्तीफा देने वालों में बीड़ा मस्तान राव यादव और वेंकटरमण राव मोपीदेवी शामिल हैं।
समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ को संसदीय कार्यालय ने बताया कि उप-राष्ट्रपति और सचिवालय के जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को दोनों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
बीड़ा मस्तान राव यादव का निधन जून, 2028 में हुआ। वह टीआईपी ठीक करने के लिए वाईएसआरसीपी में आए थे, जबकि उनके फिर से कहीं जाने की संभावना है।
गोदाम के गोदाम से मीडिया रिपोर्ट में आगे की जानकारी दी गई कि वेंकटरमण राव मोपीदेवी का निधन जून 2026 तक था। वह भी टीआईपी में शामिल हो सकते हैं।
ताज़ा घटना के बाद दिलचस्प बात यह है कि दोनों गुटों के ख़त्म होने के बाद एआईएसआरसीपी के गुटों की संख्या 11 से सिर्फ नौ रह गई है।
बीजेपी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के अहम सहयोगी दल टीडीपी का संसद के उच्च सदनों में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। टीआईपी मस्तान राव को उप-चुनाव में मोपीदेवी रास में वापसी के लिए आमंत्रित नहीं किया जा सकता है। द्रव्यमान में दोनों ही सीट टिप के पास लगभग तय है।
परिणामी संसद के उच्च सदन सागर में थोकबंद जहाज़ों के सदस्यों की संख्या में दो खंड और खंड हो जायेंगे। हाल ही में जो हुआ, वह इसलिए भी अहम है क्योंकि एआईएसआरसीपी की जीत के बाद उसकी विकेट धड़ाधड़ गिर गई।
संभावित निवेशकों की राय तो टीआईपी ही बीजेपी के मॉडल पर जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी के विकेटने में लगी है। आम चुनाव और लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी की हार के बाद यूं ही विकेट गिरने के साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे हैं, पार्टी छोड़ दी गई, वहां उप-चुनाव तय हो गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों पर्यटक पर्यटक टी-आईपी जीतेंगे।
इस बीच चर्चा है कि YSRCP के छह और नेता पार्टी छोड़ने के लिए लाइन में लगे हुए हैं. कुल आठ सदस्य छूट गए। पॉलिटिकल सर्कल्स में इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि ये साड़ी सजावट अब चाक में घूमती हुई दिखती है। जिन लोगों ने वाईएसआरसीपी को छोड़ दिया है, उन सभी की बीजेपी या फिर टीआईपी में जाने की संभावना है और साकेआ को भी भेजा जा सकता है।
प्रकाशित समय : 30 अगस्त 2024 07:33 PM (IST)