महाराष्ट्र हरियाणा विधानसभा चुनाव: कांग्रेस चुनाव के बाद अब सात राज्यों की 13 सीटों पर चुनाव परिणाम भी सबके सामने हैं। तुम सुनाओ मैं भी भाजपा को केवल दो ही सिम मिल पाई। इस चुनाव को कई तरीकों से देखा गया है, वरिष्ठ पत्रकारों का इस पर क्या कहना है, समझते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा का कहना है कि चुनाव के नतीजे खत्म होते हैं, लेकिन कांग्रेस को यहां पर अति उत्साह होने की जरूरत नहीं है। नतीजे ठीक हैं और कांग्रेस को आगे और काम करने की जरूरत है। इसको लेकर सीएसडीएस प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा कि जैसा माहौल चुनाव के परिणामों के बाद बना था, ठीक वैसे ही देखे गए परिणामों के बाद भी देखने को मिल रहा है।
जीत के बाद भी हारी हुई लग रही भाजपा
भले ही भाजपा को 240 सीटें और कांग्रेस को 99 सीटें मिलीं हों, लेकिन माहौल ऐसा बना, जैसे कांग्रेस चुनाव जीती हो। संख्या पर बात करें तो भारत अलाइंस आगे है और अंत पीछे है।
महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाला है चुनाव
वहीं कुछ महीनों में महाराष्ट्र और हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, क्योंकि लेकर भारतीय गठबंधन की ताल ठोकती नजर आ रही है। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में क्या होने वाला है। उसके कारण राजनीति की दिशा और दशा दोनों बदलती रहती है। लेकिन कांग्रेस को अति उत्साहित होने की जरूरत नहीं है.
भाजपा को दोषी ठहराने के लिए हरियाणा में कांग्रेस को होना होगा।
उनका कहना है कि महाराष्ट्र में यह देखने की जरूरत है कि गठबंधन को कैसे साथ लाया जाए और हरियाणा में सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि कांग्रेस दिखती तो साथ है, लेकिन अंदर से उसमें फुट है। अगर भाजपा को हरियाणा में करारी हारी है तो कांग्रेस को एकजुट होने की जरूरत है। इसलिए अभी से अति उत्साहित होने की जरूरत नहीं है.
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