उत्तर प्रदेश (यूपी) की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव से पहले न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बल्कि समाजवादी पार्टी (सपा) की चिंता बढ़ गई है।
यूपी के ये दोनों ही प्रमुख और प्रभावशाली दल धर्मसंकट जैसी स्थिति में फंसते नजर आ रहे हैं। ऐसे में हो सकता है कि आने वाले समय में स्थिरता मार भी हो जाए।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यूपी में जिन 10 नेताओं पर उप-चुनाव हो रहा है, उनमें से चार नेताओं पर भगवान के सहयोगियों की पानी नजर आ रही है।
जहां दो सीटें (मझवां और कटहरी) भाजपा से निषाद पार्टी चाहती है, वहीं दो सीटें (मीरापुर और खैर सीट) को राष्ट्रीय लोक दल (रालडी) अपने पास देखना चाहता है।
वैसे, अनुप्रिया पटेल के अपने दल (सोनेलाल) और ओपी राजभर की सुभासपा की ओर से भाजपा पर दबाव नहीं बनाया गया है, लेकिन वे ‘मोटिवेशनल’ के पास मानसिकता चाहते हैं।
इस बीच, सियासी गलियारों में यह भी कहा गया कि भाजपा आठ सीटों पर यूपी विधानसभा का उप चुनाव लड़ेगी, जबकि 10 में से सिर्फ दो मृतक ही वह सहयोगियों को देंगे।
उधर, विपक्ष भारत ब्लॉक के तहत पाइप और कांग्रेस का गठजोड़ है। कांग्रेस चाहती है कि वह यूपी विस के उप चुनाव में गाजियाबाद, मीरापुर और फूलपुर सीट से ताल ठोंके।
यह साफ नहीं है कि कांग्रेस को तीन मुद्दे नजर आ रहे हैं या नहीं, यह निश्चित रूप से कहा गया है कि ‘बाइबिल एंड टेक’ के तहत कांग्रेस को दो मुद्दे दे सकते हैं।
चंद्रशेखर आजाद की एस्प और आजादी की मांग भी उप-चुनाव में किस्मत आजमाएगी। ऐसे में देखना होगा कि भगवान और चप्पल कहीं गतिशील के दबाव में फंस तो नहीं सकते।
प्रकाशित समय : 12 जुलाई 2024 09:08 AM (IST)