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UP By Election 2024 Tension For BJP Samajwadi Party Congress Know Political Equation Who Will Win - Supreme News247

UP By election 2024 Tension for BJP Samajwadi Party Congress know political equation who will win

UP By election 2024 Tension for BJP Samajwadi Party Congress know political equation who will win


उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद सीट पर भाजपा उम्मीदवार अतुल गर्ग ने जीत दर्ज की है। हालांकि, उनके सांसद बनने के बाद से गाजियाबाद सदर सीट खाली हो गई है, जिसका नतीजा सामने आया है। विधानसभा के 2022 में हुए चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़े अतुल गर्ग ने जीत हासिल की थी। उन्होंने सपा प्रमुख विशाल वर्मा को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था। इस सीट पर दलित और मुस्लिम मिलकर जीत-हार तय करते हैं, जिसमें दलित और मुस्लिम मिलकर एक लाख से ज्यादा वोटर हैं। वहीं, इस सीट पर 50 हजार से ज्यादा ब्राह्मण वोट, 35 हजार वैश्य, 33 हजार मुस्लिम वोटर हैं। इसके अलावा ठाकुर मतदाताओं की संख्या 25 हजार से ज्यादा है, जबकि पंजाबी मतदाता 12 हजार, यादव 11 हजार हैं।

मणिपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट यादव बहुल है। यहां पर करीब तीन लाख मतदाता हैं, जिनमें सवा लाख के करीब यादव वोटर हैं। इसके बाद शाक्य समुदाय के वोटर 35 हजार है। इसके बाद पाल और ठाकुर समुदाय के 30-30 हजार वोट हैं। दलित समुदाय करीब 40 हजार है, मुस्लिम 20 हजार, ब्राह्मण 15 हजार, लोध और वैश्य 15-15 हजार हैं।  2022 के विधानसभा चुनाव में करहल के सियासी समीकरण को देखते हुए भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को अखिलेश यादव के खिलाफ उतारा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

मणिपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट यादव बहुल है। यहां पर करीब तीन लाख मतदाता हैं, जिनमें सवा लाख के करीब यादव वोटर हैं। इसके बाद शाक्य समुदाय के वोटर 35 हजार है। इसके बाद पाल और ठाकुर समुदाय के 30-30 हजार वोट हैं। दलित समुदाय करीब 40 हजार है, मुस्लिम 20 हजार, ब्राह्मण 15 हजार, लोध और वैश्य 15-15 हजार हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में करहल के सियासी समीकरण को देखते हुए भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को अखिलेश यादव के खिलाफ उतारा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

फूलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक चुने गए हैं, जो 2024 के चुनाव में जीत के साथ ही जीत के साथ ही जीत की राह पर आगे बढ़ गए हैं। फूलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक चुने गए हैं, जो 2024 के चुनाव में जीत के साथ ही जीत के साथ ही जीत की राह पर आगे बढ़ गए हैं। पीआर चुने गए हैं. इस लोकसभा चुनाव को देखें तो यहां से सपा को भाजपा के मुकाबले 18 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं।  बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सुमित्रा ने तीन हजार वोट से दर्ज की थी।

फूलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक चुने गए हैं, जो 2024 के चुनाव में जीत के साथ ही जीत के साथ ही जीत की राह पर आगे बढ़ गए हैं। फूलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक चुने गए हैं, जो 2024 के चुनाव में जीत के साथ ही जीत के साथ ही जीत की राह पर आगे बढ़ गए हैं। पीआर चुने गए हैं. इस लोकसभा चुनाव को देखें तो यहां से सपा को भाजपा के मुकाबले 18 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सुमित्रा ने तीन हजार वोट से दर्ज की थी।

अवधेश प्रसाद के कांग्रेस सांसद बनने के बाद अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट खाली हो गई है, जहां से चुनाव लड़ा जा रहा है। अवधेश प्रसाद 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। अयोध्या लोकसभा सीट की हार का मिस यूनिवर्स पार्टी मिल्कीपुर सीट से बराबर करना चाहती है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट के जातीय समीकरण को देखें तो सबसे ज्यादा 65 हजार यादव मतदाता हैं। इसके बाद पासी 60 हजार, ब्राह्मण 50 हजार, मुस्लिम 35 हजार, ठाकुर 25 हजार, गैर-पासी दलित 50 हजार, मौर्य 8 हजार, चौरासिया 15 हजार, पाल 8 हजार, वैश्य 12 हजार के करीब है। इसके अलावा 30 हजार अन्य जातियों के वोट हैं।  इस तरह मिल्कीपुर विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरण को देखें तो यादव, पासी और ब्राह्मण तीन जातियों के वोटर अहम भूमिका में है।

अवधेश प्रसाद के कांग्रेस सांसद बनने के बाद अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट खाली हो गई है, जहां से चुनाव लड़ा जा रहा है। अवधेश प्रसाद 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। अयोध्या लोकसभा सीट की हार का मिस यूनिवर्स पार्टी मिल्कीपुर सीट से बराबर करना चाहती है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट के जातीय समीकरण को देखें तो सबसे ज्यादा 65 हजार यादव मतदाता हैं। इसके बाद पासी 60 हजार, ब्राह्मण 50 हजार, मुस्लिम 35 हजार, ठाकुर 25 हजार, गैर-पासी दलित 50 हजार, मौर्य 8 हजार, चौरासिया 15 हजार, पाल 8 हजार, वैश्य 12 हजार के करीब है। इसके अलावा 30 हजार अन्य जातियों के वोट हैं। इस तरह मिल्कीपुर विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरण को देखें तो यादव, पासी और ब्राह्मण तीन जातियों के वोटर अहम भूमिका में है।

अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट भी भाजपा विधायक अनूप प्रधान के निधन के बाद खाली हो गई है। अनूपपुर प्रधान मंत्री हाथरस से चुने गए हैं। वह 2,47,318 वोटों से जीत दर्ज की है। इस लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां सपा को 95,391 वोट मिले जबकि भाजपा को 93,900 वोट मिले। यहां से 1491 वोटों से आगे रही. कांग्रेस चुनाव के मद्देनजर यहां सपा का पलड़ा भारी रह सकता है।  जबकि 2022 में खैर सीट पर भाजपा के अनुप प्रधान बाल्मीकि ने चारु कैन को 74 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।

अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट भी भाजपा विधायक अनूप प्रधान के निधन के बाद खाली हो गई है। अनूपपुर प्रधान मंत्री हाथरस से चुने गए हैं। वह 2,47,318 वोटों से जीत दर्ज की है। इस लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां सपा को 95,391 वोट मिले जबकि भाजपा को 93,900 वोट मिले। यहां से 1491 वोटों से आगे रही. कांग्रेस चुनाव के मद्देनजर यहां सपा का पलड़ा भारी रह सकता है। जबकि 2022 में खैर सीट पर भाजपा के अनुप प्रधान बाल्मीकि ने चारु कैन को 74 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।

कानपुर की सीसामू सीट से हाजी इरफान सोलंकी की सदस्यता रद्द होने के बाद एक बार फिर इस सीट पर चुनाव लड़ने वाले हैं। यहां से पिछले 3 बार से विधायक चुनकर इरफान विधानसभा पहुंचे। यहां पर भाजपा अपना खाता नहीं खोल पा रही है। कानपुर नगर की सीसामऊ विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। सीसामू विधानसभा क्षेत्र में 70 फीसदी मुस्लिम आबादी रहती है।  हालांकि, इस सीट पर समाजवादी पार्टी का दबदबा है।

कानपुर की सीसामू सीट से हाजी इरफान सोलंकी की सदस्यता रद्द होने के बाद एक बार फिर इस सीट पर चुनाव लड़ने वाले हैं। यहां से पिछले 3 बार से विधायक चुनकर इरफान विधानसभा पहुंचे। यहां पर भाजपा अपना खाता नहीं खोल पा रही है। कानपुर नगर की सीसामऊ विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। सीसामू विधानसभा क्षेत्र में 70 प्रतिशत मुस्लिम आबादी रहती है। हालांकि, इस सीट पर समाजवादी पार्टी का दबदबा है।

मीरापुर विधानसभा से रालोद के चंदन चौहान विधायक थे, जो इस बार बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। इस लोकसभा चुनाव में मीरापुर विधानसभा में रालोद को 72,320 वोट मिले तो वहीं सपा के दीपक सैनी को 63,351 वोट मिले। भाजपा सहयोगी इस सीट से करीब 9 हजार वोट से आगे रहे। इस नतीजे के आधार पर कहा जा सकता है कि यहां से भाजपा सहयोगियों का पलड़ा भारी है। 2022 में रालोद ने सपा के साथ चुनाव लड़ा था, तब वो इस सीट पर 27 हजार वोटों से आगे थे।  इस बार रालोद का गठबंधन भाजपा के साथ है।

मीरापुर विधानसभा से रालोद के चंदन चौहान विधायक थे, जो इस बार बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। इस लोकसभा चुनाव में मीरापुर विधानसभा में रालोद को 72,320 वोट मिले तो वहीं सपा के दीपक सैनी को 63,351 वोट मिले। भाजपा सहयोगी इस सीट से करीब 9 हजार वोट से आगे रहे। इस नतीजे के आधार पर कहा जा सकता है कि यहां से भाजपा सहयोगियों का पलड़ा भारी है। 2022 में रालोद ने सपा के साथ चुनाव लड़ा था, तब वो इस सीट पर 27 हजार वोटों से आगे थे। इस बार रालोद का गठबंधन भाजपा के साथ है।

कुंदरकी विधानसभा सीट मध्यप्रदेश जिले में स्थित है। इस मुस्लिम बहुल सीट पर भाजपा को यहां सिर्फ एक बार जीत नसीब हुई। मुस्लिम बहुल सीट पर अगर हिंदू आबादी की बात करें तो यहां वैश्य, ओबीसी और एससी वोटरों की संख्या अच्छी खासी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 3,09,558 है। इनमें पुरुषों की संख्या 1,73,129 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1,36,416 है। 2022 के चुनाव में इस सीट पर एक बार फिर सपा ने अपना परचम लहराया था। वर्तमान विधायक जियाउर्रहमान तीन बार के विधायक हैं। उनके सांसद चुने जाने के बाद इस सीट पर चुनाव होना बाकी है।  हालांकि, अब देखना होगा कि ये सीट किस नसीब में जाती है।

कुंदरकी विधानसभा सीट मध्यप्रदेश जिले में स्थित है। इस मुस्लिम बहुल सीट पर भाजपा को यहां सिर्फ एक बार जीत नसीब हुई। मुस्लिम बहुल सीट पर अगर हिंदू आबादी की बात करें तो यहां वैश्य, ओबीसी और एससी वोटरों की संख्या अच्छी खासी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 3,09,558 है। इनमें पुरुषों की संख्या 1,73,129 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1,36,416 है। 2022 के चुनाव में इस सीट पर एक बार फिर सपा ने अपना परचम लहराया था। वर्तमान विधायक जियाउर्रहमान तीन बार के विधायक हैं। उनके सांसद चुने जाने के बाद इस सीट पर चुनाव होना बाकी है। हालांकि, अब देखना होगा कि ये सीट किस नसीब में जाती है।

मिर्जापुर कांग्रेस में आने वाली मझवा भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी के विधायक विनोद बिंद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। विनोद बिंद भाजपा के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट से जीत दर्ज की गई है। मझवा में कांग्रेस चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां सपा को 92,299 वोट मिले वहीं भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) को 94,061 वोट मिले। भाजपा सहयोगी यहां से 17,62वोटों से आगे रहे। कांग्रेस चुनाव के मद्देनजर यहां भाजपा सहयोगियों का पलड़ा भारी रह सकता है।  2022 चुनाव में निषाद पार्टी ने करीब 33 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी।

मिर्जापुर कांग्रेस में आने वाली मझवा भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी के विधायक विनोद बिंद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। विनोद बिंद भाजपा के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट से जीत दर्ज की गई है। मझवा में कांग्रेस चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां सपा को 92,299 वोट मिले वहीं भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) को 94,061 वोट मिले। भाजपा सहयोगी यहां से 17,62वोटों से आगे रहे। कांग्रेस चुनाव के मद्देनजर यहां भाजपा सहयोगियों का पलड़ा भारी रह सकता है। 2022 चुनाव में निषाद पार्टी ने करीब 33 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी।

अंबेडकर नगर की कटहरी विधानसभा सीट पर सपा के लालजी वर्मा विधायक थे, लेकिन अब वह सांसद बन गए हैं और बाद में उन्होंने विधायक की कुर्सी संभाली है। लालजी वर्मा को कटहरी में 17 हजार वोटों की बढ़त मिली, जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में 7 हजार वोटों से जीत हासिल हुई थी, जाहिर है वह अपने क्षेत्र में और मजबूत हुए हैं। उन्होंने बीजेपी के मजबूत उम्मीदवार रितेश पांडे को 1.37 लाख वोटों से हराया।  रितेश पांडे 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से सांसद चुने गए थे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा का दमन ले लिया था।

अंबेडकर नगर की कटहरी विधानसभा सीट पर सपा के लालजी वर्मा विधायक थे, लेकिन अब वह सांसद बन गए हैं और बाद में उन्होंने विधायक की कुर्सी संभाली है। लालजी वर्मा को कटहरी में 17 हजार वोटों की बढ़त मिली, जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में 7 हजार वोटों से जीत हासिल हुई थी, जाहिर है वह अपने क्षेत्र में और मजबूत हुए हैं। उन्होंने भाजपा के मजबूत प्रतिद्वंद्वी रितेश पांडे को 1.37 लाख वोटों से हराया। रितेश पांडे 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से सांसद चुने गए थे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा का दमन ले लिया था।

प्रकाशित समय : 30 जून 2024 04:48 PM (IST)

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