<पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;"यूपी उपचुनाव:बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उत्तर प्रदेश में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए 9 विधानसभा सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है। पशुपालक भाजपा और मुख्य कम्युनिस्ट समाजवादी पार्टी (सपा) की नींद उड़ गई है। बता दें कि एटमी पर हमेशा सेबीजेपी की बी-टीम होने का आरोप लग रहा है. ऐसे में भीड़ में शामिल हो सकते हैं बराक ओबामा के समर्थक समाजवादी पार्टी और बीजेपी के दिग्गज.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी का जनाधार कॉन्सटेंट कायम है। बीजेपी के बी-टीम वाला टैग से पहले ही साइंटिस्ट के लिए चिंता का सबब बन गया है. जिसे सिद्धार्थ मंडल में निकालना शुरू कर दिया गया है। ग्रुप के मैदान में आने से यूपी में बीजेपी और एसपीआई दोनों का गेम देखने को मिल रहा है। मीरापुर और कुंदरकी सीट पर मुस्लिम समुदाय के बंटवारा होने से सपा को भारी नुकसान हो सकता है। वहीं, कटहरी सीट पर हाथी बीजेपी का खेल भी हो सकता है।
बसपा के सामने अखाड़े की चुनौती
2024 <एक शीर्षक="चुनाव" href="https://www.abplive.com/topic/loc-sabha-election-2024" डेटा-प्रकार="कीवर्ड को आपस में जोड़ना">लोकसभा चुनावमें 0 पर चुनाव लड़ने वाली बहुजन समाज पार्टी के सामने विधानसभा चुनाव की चुनौती है। 14 साल बाद वैशाली में जीत हासिल करने की पूरी कोशिश की गई। फेसबुक के सामने सार्वजनिक दलित वोट बैंक को रोक पाना ही मुश्किल हो रहा है। संप्रदाय के विद्वानों की ओर से यहां तक कि संप्रदाय के रुझान के बारे में भी चर्चा की गई है। पी> <पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;"अकेले इलिनोइस मैदान में है जगह मुसलमानों ने 2 मुसलमानों, 4 मुसलमानों, 2 मुसलमानों और 1 दलित मुसलमानों पर दांव लगाया है। बसपा ने जिस तरह से अपने उम्मीदवार उतारे हैं, उन पर गौर करें तो ज्यादा से ज्यादा भाजपा की मुश्किलें धीमी दिख रही हैं। बता दें कि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में नौ सीटों पर सपा ने चार और बीजेपी ने तीन पायदान हासिल किए थे, जबकि रालोद और निषाद पार्टी को एक-एक सीट मिली थी। इन दस्तावेजों में से अभिलेख तब क्रिटिकल जिले के एससी (अनुसूचित जाति)-आरक्षित खैर सीट दूसरे स्थान पर रही थी और कटहरी, फूलपुर, मीरापुर, करहल, कुंदरकी, गाजियाबाद और मंझवां में सात जिले शामिल थे। p>