संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी पर कहा: आम आदमी पार्टी (आप) के समाजवादी समाजवादी संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार (13 सितंबर) को सत्य की जीत की गारंटी दी। संजय सिंह ने मोदी और केंद्रीय इल्ज़ाम अमित शाह पर निबंध लिखा। उन्होंने कहा कि झुकते हैं तानाशाह, झुकने वाला होना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि कल यानि कि शुक्रवार (13 सितंबर) को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया और जो बातें लिखीं, वे साबित हुईं कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी मोदी के खिलाफ है। और गृह मंत्री अमित शाह का कुचक्र था. वो एक तरह की साज़िश थी.
‘आप’ में अरविंद केजरीवाल का नेतृत्व पूरी तरह से जारी है’
वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट में आपके वकील अरविंद केजरीवाल की जमानत पर वही बातें हैं जो हम पहले दिन से कहते आ रहे हैं। जहां केंद्रीय अमित शाह का मकसद है कि किसी भी तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ख़त्म होकर ख़त्म हो गई है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ‘आप’ पूरी प्लास्टिकी से खड़ी रही है। अमित शाह न ही दिल्ली में, न पंजाब में और न ही एमसीडीडी में हमसे मिले।
‘अरविंद शर्मा ने जेल की चारदीवारी के पीछे से लिया ‘स्वीकार’
आप सांसद संजय सिंह ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल ने किंडरगार्टन के साथ जेल की चारदीवारी को पीछे से अलग कर दिया। मगर, झुकना स्वीकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि जो तानाशाह है, उसे झुकाने वाला होना चाहिए। नरेंद्र मोदी देखने वाले नेता कोई और नहीं, अरविंद केजरीवाल ही हैं। जांच एजेंसी को एक पैसा बरामदगी न अरविंद केजरीवाल के यहां से हुई, न मनीषी के यहां से और न ही मेरे घर से। लेकिन झूठ का पहाड़ खड़ा हो रहा है। ना कोई तथ्य है, ना सबूत सिर्फ तानाशाही है.
‘झूठा केस दर्ज, सीबीआई ने जेल से किया गिरफ्तार’
संजय सिंह ने कहा कि निचली अदालत से अरविंद केजरीवाल को निदेशालय के मामले में जमानत मिल गई थी। लेकिन पहली बार बिना ऑर्डर के हाई कोर्ट से स्टे लिया गया। फिर से बातचीत के सिलसिले ने जेल के अंदर ही गिरफ़्तार कर लिया। इस लेकर कल सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि 22 महीने तक सोमनाथ को अरविंद की याद नहीं आई।
‘अमित शाह के उद्यम में कैद है सीबीआई’
संजय सिंह ने कहा कि जब अमित शाह को लगा कि उन्हें पीएचडी के मामले में जमानत मिल गई है, तो उन्हें टैब पर भेजा गया। संक्षेप में, असहमत अमित शाह के उद्यम में क़ैद है। इसलिए मैं मांग करता हूं अमित शाह अब आपके पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बनता है।
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