आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पदयात्राओं का राजनीतिक महत्व हमेशा बना हुआ है। यह केवल नेताओं के लिए जनता से जुड़ने का एक तरीका नहीं है बल्कि सत्ता में आने का एक चलन भी बन गया है। हाल ही में बी आरएसी (बीआरएस) जो सत्य से बेदखल हो गई है। अब अपनी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के साथ बातचीत के लिए जनता के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पद यात्रा पर विचार कर रही है।
कांग्रेस के नेता रेवंत रेड्डी ने मूसी नदी परियोजना के समर्थन में पदयात्रा का प्रस्ताव रखा है. जानकारी के अनुसार उनका उद्देश्य नदी के किनारे रहने वालों को साक्षत्कार करना है ताकि वे इस परियोजना के महत्व को समझ सकें। वहीं के ऑर्केस्ट्रा ने भी कांग्रेस सरकार के सहयोगियों की आलोचना करते हुए पद यात्रा योजना बनाई है जिससे वे अपने विकास कार्यों को एक साथ जोड़ सकें।
धार्मिक राजनीति में पदयात्राओं का इतिहास
• वै.एस.एस. राजशेखर रेड्डी (2004): वाई.एस.सी. राजशेखर रेड्डी की 2003 की ऐतिहासिक यात्रा पद ने 2004 में कांग्रेस को जीत दिलाई। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के गणित को सुना और लोगों से छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट दिया, जिससे उन्हें चुनाव में भारी जनसमर्थन मिला और वो अगले चुनाव में टीडीपी (टीडीपी) को हराकर कांग्रेस से मुख्यमंत्री बन गए।
• एन. चंद्रबाबू नायडू (2014): 2014 में केंद्रीय देश पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू ने भी एक पदयात्रा की थी, जिसमें उन्होंने राज्य के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया और विकास का वादा किया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने नायडू की मदद के लिए आंध्र प्रदेश और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने एसपी टी.पी.
• वै.एस.एस. जगन मोहन रेड्डी (2019): जगन मोहन रेड्डी ने 3648 किमी लंबे पदयात्रा के माध्यम से पुस्तकालय से संबंधित और सामाजिक कल्याण, ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण योगदान को उठाया। इसका असर असरदार अविनाशी में दिखा और वाईएसआर (YSR) कांग्रेस पार्टी ने भारी जीत हासिल की। इसके बाद टीआईपी शक्ति से बाहर हो गया।
नए कोम्पोट बनाने की कोशिश
माना जा रहा है कि रेवंत रेड्डी और के ट्रेलर की आने वाली पदयात्राएं तेलंगाना की राजनीति में नया मोड़ ला सकती हैं। इन पदयात्राओं के माध्यम से दोनों नेता प्लाजा के सामने अपनी प्रस्तुति पेश करेंगे और नए स्पेक्ट्रम कॉलम बनाने का प्रयास करेंगे। इन पदयात्राओं का न केवल स्थानीय राजनीति पर बल्कि उलटफेर पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
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