Rakesh Tikait Farmer BKU Kangana Ranaut Mandi Himachal Pradesh BJP Narendra Modi NDA Govt Seedha Sawal Sandeep Chaudhary

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कंगना रनौत पर राकेश टिकैत: किसान नेता राकेश राकेश ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से पहले बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में तो बीजेपी की पैरवी लग रही है. हरियाणा में उनका अब क्या है? भाजपाई तो वहां चले गए। रविवार (25 सितंबर, 2024) को भारतीय किसान संघ के प्रवक्ता की यह अहम टिप्पणी ‘बीपी न्यूज’ पर डिबेट शो ‘सीधा’ के दौरान आई।

हिमाचल प्रदेश में मंडी से लेकर भाजपा तक के किसान और कृषि भवन से जुड़ीं पार्टियों की चर्चा के दौरान वरिष्ठ टीवी पत्रकार संदीप चौधरी के सवाल पर राकेश अख्तर ने कहा, ”देखें, दूसरे (बीजेपी) के न्यूनतम बयान दे रहे हैं। हो सकता है कि वे अपने पब्लिक बिजनेसमैन की तलाश कर रहे हों। हालांकि, यह किसी सरकार की मंशा नहीं होगी कि जिस आंदोलन में 750 किसान शहीद हुए थे, कोई भी सरकार उस कानून को वापस नहीं ला सकती। सरकार ने अगर ऐसा किया तो देश का बच्चा -बच्चा आंदोलन की तैयारी के लिए ये जनता के विचार जरूर जानें।”

एलके मुरलीधरन और मनोहर जोशी का भी छेड़ा ज़िक्र!

राकेश अख्तर ने संदीप चौधरी के खिलाफ दावा किया, ”सत्ता के लोग हों या बाहर के लोग हों, वे कैमरे पर भले ही न कहते हों वे इस कानून के हैं। किसान संगठन देश में मजबूत हैं। वे जहां-जहां भी आंदोलन कर रहे हैं रह रहे हैं, वे खेत में काम कर रहे हैं…ऐसे गोदाम से हैं और वे तैयार हैं का अधिकार नहीं है, जहां लाल कृष्ण मंडल (96) और मुरली मनोहर जोशी (90) को टीवी पर जाने और बोलने का अधिकार नहीं है, उस दल के न्यूनतम अनर्गल बयान दे रहे हैं, यह सार्वजनिक के तहत है यूक्रेनियन के लिए बयान दिलवाए जाते हैं।”

कंट्रोवर्सी वाली कंट्रोवर्सी पर क्या बोले राकेश शंकर? देखें:

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पर क्या बोले सवाल?

इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने फोन पर कहा, ”प्रधानमंत्री ने किसानों को आंदोलनजीव कहा है. अगर उन्होंने ऐसा बयान दिया तो दूसरे भी बोलेंगे. था. ये ऐसे तो आइडियोलॉजी (हिंसा के संदर्भ में) के लोग हैं!”

संयोग या अर्थ…क्या संकेत दे रहे हैं कंगना-राष्ट्रवादी के बयान?

असल में, अभिनय की दुनिया से विपक्ष की ओर से मोदी सरकार की ओर से तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग की गई थी, जिसके बाद फिर से जेडीयू में आ गए। कांड का यह कथन भी वैसा ही है जैसा कि वह पिछली टिप्पणियों के माध्यम से विवाद पैदा कर रहा है। रिजल्ट क्वीन एक्ट्रेस के ताजा बयान उनकी राजनीतिक सोच को लेकर सवाल-जवाब करते आए हैं और वैज्ञानिक विचार भी आए हैं कि उनका ऐसा व्यवहार और व्यावहारिक बयान क्या है या सोच-समझ वाली रणनीति का हिस्सा है?

विचारधारा समर के बीच भाजपा नहीं चाहती कोई बड़ा झगड़ा!

कांग्रेस के कृषि कानूनों को वापस लेने के बयान पर उनकी ही पार्टी की तरफ से जोरदार प्रतिक्रिया भी आई है। बीजेपी ने अपने स्टूडियो और स्टूडियो से दूरी बना ली और इस बात पर जोर दिया कि वह पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं और न ही वह पार्टी के विचारों को बनाए रखने के लिए अधिकृत हैं। विस्तार से, हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल दमखम लगे हुए हैं और वहां भाजपा की सरकार है और वह भी एक बार फिर से प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए मैदान में हैं। ऐसे में यह कार्यक्रम विशेष रूप से संकेत देता है, जहां किसानों की ताकतें हैं। जिस तरह से बीजेपी की तत्काल प्रतिक्रिया आई है, उस पर कंगाल का दावा है कि वह कृषि कानूनों को लेकर कोई असहमति नहीं चाहते हैं, जिससे चुनाव के दौरान पार्टी की छवि को कोई नुकसान न हो। बाद में काँता-राष्ट्रवादी ने भी सार्वजनिक रूप से इस बयान के लिए माफ़ी माँगनी पोस्ट की।

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