लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में बेहद खराब रहा यानी कि उत्तर प्रदेश में भाजपा फेल हो गई है. सबसे बड़ा झटका तो भाजपा को पूर्वांचल से लगा है. 12 में से 2 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा.
कुछ चुनावी ज्ञानियों का यह कहना है कि ठाकुरों की नाराजगी और प्रत्याशियों की चयन में गलती की वजह से भारतीय जनता पार्टी पूर्वांचल में साफ हो गई है.
भारतीय जनता पार्टी की पूर्वांचल में सफाई का सबसे बड़ा कारण कुंडा से विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया है. कहा जाता है की राजा भैया जैसा चाहते हैं बिल्कुल वैसा ही होता है. जिस पार्टी के साथ राजा भैया खड़े हो जाते हैं उसे पार्टी की जीत निश्चित होती है.
इन सब के बीच भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी 2027 के विधानसभा चुनाव. इस बात की चर्चा पूरे प्रदेश में चल रही है कि समाजवादी पार्टी यदि मजबूत बनी रही तो 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजा भैया सपा का समर्थन कर सकते हैं.
राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह ने कहा कि पूर्वांचल में भाजपा के हारने की वजह ठाकुरों की नाराजगी भी है. तो कहीं पर अनुप्रिया पटेल के बयानों का भी असर देखने को मिला. अक्षय प्रताप सिंह का कहना था कि राजा भैया के चाहिता न सिर्फ ठाकुर हैं बल्कि सभी वर्ग के लोग हैं. उन्होंने कहा कि 1996 से लेकर अब तक किसी ने भी प्रतापगढ़ को ललकारा है तो जनता ने उन्हें करारा जवाब दिया है.
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव 2024 में राजा भैया के रुख को देखने के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2027 में वह अखिलेश यादव के साथ आएंगे और अगर अखिलेश यादव और राजा भैया साथ आ जाते हैं तो भारतीय जनता पार्टी इसको कैसे रोक पाएगी यह तो समय ही बताएगा.
Published at : 14 Jun 2024 12:39 PM (IST)