महाराष्ट्र चुनाव 2024: 2006 में प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह मुंबई में मेट्रो के उद्घाटन के लिए आए थे और उस समय उन्होंने यहां के हालात देखे थे और कहा था कि यह सच है कि मुंबई देश को बहुत ज्यादा देता है और केंद्र में बदल देता है। मूलअंतरिक्ष नहीं. वो तब की थी और आज हम 2024 में बात कर रहे हैं तो तब से लेकर आज तक क्या बदला है मुंबई ने और मुंबई को क्या मिला जानते हैं मुंबई की जनता से। ,
हमने मुंबई में विकास, राजनीति और केंद्र सरकार से आने वाले समर्थकों को लेकर जनता से बात की। एक स्पेशलिस्ट ने कहा, “अगर आप क्लासीपर्सन और सीएम हैं एकनाथ शिंदे के टुकड़े-टुकड़े प्लांस देखें तो गहराई 4-5 में जो टुकड़े किए गए हैं, वो पहले से चीजें बेहतर होती दिख रही हैं। जैसे मेट्रो, कार शेड, एंटरप्राइज़ ओवर्स वैलिडिटी हो गई, रोड बन गई, अटल बन गई तो मुंबई को ये साड़ी चीज़ें मिल गईं।”
उन्होंने कहा, “इसी तरह अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में जाते हैं तो वहां के गांव की जनता से अगर आप विशेष खाद्य पदार्थ खाते हैं तो आप पाएंगे कि चीजें पहले से बिल्कुल बदल गई हैं। वो सारी चीजें अब हो रही हैं जो पहले नहीं होती थीं आज के वक्त में लाडली बहना योजना में कुछ फीमेल्स को 1500 रुपये की पेशकश की गई है वहां एक फिक्स्ड बेसिक मूल मिल गया। इन सभी प्रावधानों से वे काफी खुश हैं।”
‘फ्री दवाएँ, फ्री टेस्ट…’
एक दूसरे स्पेशलिस्ट ने शिंदे और साथी जुगलबंदी के शानदार एक्टर की भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, ”आज के वक्त में शिंदे सरकार की वजह से और आदिवासी बच्चों की मेहनत की वजह से सेंट्रल से जो हमको रिटर्न्स एग्जामिनेशन मिल रहा है। आप देख सकते हैं मुंबई के स्कूल माननीय या सार्वजनिक राष्ट्रीय अस्पतालों के मालिक, ये चीजें बदलती हैं शिदें सरकार ने एक ‘आपला दवा खाना’ बनाकर एक योजना बनाई है जो आप लोगों के लिए बहुत अच्छी है क्योंकि इसमें आपको मुफ्त में सारी दवा मिल रही है।’
2006 से 2024 में काफी कुछ बदल गया?
वहीं एक और प्रमुख ने कहा, ”2006 और 2024 में विकास के खाते से देखा जाएगा जो कांग्रेस की सरकार में अभी तक निर्णय नहीं लिया गया, वह जोरदार साल में पूरा हो गया। महायुति सरकार में शिंदे साहब के सीएम बनने के बाद से अच्छा हुआ -अच्छे प्रोजेक्ट आ गए। जैसे कोस्टल रोड हो गया, समृद्धि महामार्ग हो गया, मेट्रो है। इन सबकी वजह से आने की सुविधा काफी आसान हो गई है।”
2006 में मनमोहन सिंह ने जो बात कही थी, उसमें मुंबई की जनता ने तस्दीक कर दी है। खैर अब तक जो चीजें नहीं थीं मुंबई की जनता का कहना है कि पिछले कुछ समय से मुंबई में उनका फेयर शेयर लगभग मिलना शुरू हो गया है और अब तो हम यही उम्मीद करते हैं कि यह मैड्रिडशिप मुंबई की और सेंटर की और आगे बनी रहेगी और मुंबई धीरे-धीरे डिजर्व ने सेंट्रेस सेंटर की ओर से अर्थशास्त्रियों के सहयोगियों और बहुसंख्यक शेयरधारकों के बीच प्रतिस्पर्धा की।
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