अनुयायियों और आशीर्वाद के बीच का अंतर बताया गया है। इतनी ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को लेकर बहुत बड़ी बात कही है। जब यह पूछा गया कि अनंत और राधा अंबानी की शादी में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पैर छुए तो उन्होंने उन्हें इशारे से बताया, लेकिन महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उषा ने अपने पैर छुए तो उन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया।
न्यूज तक से बातचीत के दौरान पं. अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि इसमें कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी तानाशाह ने परंपरा का निर्वाह किया। उन्होंने सबसे पहले हमारे प्रार्थना पत्र को पारित किया कि वह चाहते हैं कि हमारे देश भर में उनका मंचन हो।
पूर्वजों ने बताया कि कई बार इस को टाला गया, जिससे बात की गहराई का पता चला, लेकिन कई बार विनती के बाद उन्होंने पूजा पाठ किया और हमने उन्हें आशीर्वाद दिया। इस दौरान उन्होंने कोई राजनीतिक बात नहीं की.
युशू टेकर ने पारंपरिक परंपरा का परिचय दिया जो हर हिंदू किसी भी शिक्षक के लिए एक आदर्श विकल्प है। इसके बाद हमने उन्हें आशीर्वाद दिया और जहां तक पीएम मोदी की बात है तो उन्होंने भी मैनर्स का निर्वाह किया है, हमने भी मैनर्स को प्रतिबंधित कर दिया है।
मृतकों की ओर से कहा गया था कि जब तक मुख्यमंत्री योगी नहीं बने तब तक महाराष्ट्र के लोगों से जुड़ने नहीं गए। इसी तरह जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस दौरान वह 10 दिन की अष्टविनायक यात्रा कर रहे थे. उस दौरान कई महाराष्ट्र के लोगों से अपनी बात कही थी और लोगों ने युवा ठाकरे के सीएम बनने को लेकर बात कही थी. इस बात की छाप उनके अंदर पोस्ट की गई, जिसके बाद उन्होंने ये बयान दिया था.
उन्होंने कहा, ”इस बात को लेकर राजनीति में क्या हो रहा है उसका विश्लेषण हम नहीं कर रहे हैं.” राजनीति में कब, कहां और क्या हो रहा है, इसका उन्हें कोई पता नहीं है।’ दशमांश ने कहा कि उन्होंने यह धर्मशास्त्र की दृष्टि से कही थी बात। क्योंकि विश्वास के साथ विश्वास नहीं करना चाहिए।
तीनों ने कहा कि हमने जो कहा था. हम वह बात करते हैं, जो कि सत्य है।
प्रकाशित समय : 23 सितम्बर 2024 03:00 PM (IST)