महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और महायुति को कोई कसर नहीं चाहिए। अन्यत्र दृष्टि में भाजपा और महायुति के पक्ष में हिंदू विचारधारा को लामबंद करने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव RSS में बीजेपी की मदद के लिए आगे आएं।
इसी बीच आरएसएस ने 65 से अधिक मित्र कलाकारों के माध्यम से महाराष्ट्र में ‘सजग रहो’ (‘सतर्क रहो, जागते रहो’) नामक एक अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य न केवल चुनावी चुनाव में भाजपा की मदद करना और विचारधारा को एकजुट करना है।
इस अभियान के खिलाफ कोई भी नहीं है
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यूनियन पोर्टल ने कहा कि ‘सजग रहो’ और ‘एक है सुरक्षित है’ का उद्देश्य किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि विचारधारा के बीच जातिगत डिविजन को खत्म करना है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह संदेश आरएसएस के स्वयंसेवकों और 65 से अधिक सरकारी गैर-सरकारी नेताओं द्वारा आयोजित की जा रही है। हालाँकि ऐसा माना जा रहा है कि इन बैठकों में जगह-जगह पर विचारधारा को एकजुट किया गया, जहाँ जाति के आधार पर विभाजन के कारण से भाजपा को नुकसान पहुँचाया गया।
महाराष्ट्र के सभी प्रांतों में प्रमुख बैठक
अभियान में चाणक्य प्रतिष्ठा, मातंग साहित्य परिषद और रणरागिनी सेवाभावी संस्थाएं शामिल हैं। इस अभियान में महाराष्ट्र भर संघ के सभी चार प्रांत कार्यकर्ता भी शामिल हैं। यहां पर शाखा स्तर पर बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
इन पॉइंट्स पर जा रही है बात
ये बैठकें आरएसएस-बीजेपी की स्थापना और अन्य स्मारकों के साथ हो रही हैं। वोटबैंक की राजनीति से वोटबैंक की राजनीति पर प्रभाव, बांग्लादेशियों और रोहिंग्या दादी का चुनाव पर प्रभाव और बदलाव की राजनीति का समाज जैसे विचारधारा पर बात की जाएगी।
आरएसएस के एक मानक ने कहा, “स्वयंसेवकों ने हिंदू समाज को जाति के आधार पर विभाजित करने का बीड़ा उठाया है। उसे जाति के आधार पर विभाजित नहीं किया जाना चाहिए।”