लोकसभा अध्यक्ष पद: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हुआ। इसके साथ ही, कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं हुईं और आम सहमति बनाने का दौर शुरू हो गया। इस पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि अगर स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद पर सहमति बन जाती है तो चुनाव की नौबत नहीं आएगी लेकिन सरकार विपक्ष को कोई पद नहीं देना चाहेगी। इस स्थिति में हमें उम्मीदवार खड़ा करना पड़ रहा है और अब चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह जी को कितना अधिकार है ये पता नहीं।
उत्साहित, सत्ता पक्ष ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला का नाम चुना है। सरकार ने इस पर आम सहमति बनाने की कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। जबकि, वीपी पद की मांग कर रहा था। सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। इनके कारण अब कांग्रेस के सुर मैदान में उतरेंगे।
#घड़ी | दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष पद पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, “सरकार विपक्ष को कोई पद नहीं देना चाहती…विपक्ष को चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है…” pic.twitter.com/arllvgCx7r
— एएनआई (@ANI) 25 जून, 2024
ये लोग तानाशाही करते हैं- हमदुल्लाह सईद
इस बीच कांग्रेस सांसद हमदुल्लाह सईद ने कहा कि आखिरकार हमें स्पीकर के लिए अपना सुर क्यों उतारना पड़ेगा। लोकतंत्र में एक परंपरा चल रही है कि स्पीकर सत्ता का और डिप्टी स्पीकर विपक्ष का होता है लेकिन ये सरकार सारी परंपरा तोड़ रही है। इसलिए, पूरे विपक्ष की आवाज उठाने के लिए हमने सुर्खियों में खड़ा किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आखिर सबसे सीनियर सीनियर सदस्य को प्रोटेम स्पीकर क्यों नहीं बनाया गया? ये लोग तानाशाही करते हैं.
पीएम मोदी सिर्फ संविधान विरोधी हैं बल्कि दलित विरोधी भी हैं- इमरान प्रतापगढ़ी
इस दौरान कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ संविधान विरोधी नहीं बल्कि दलित विरोधी भी हैं। प्रोटेम स्पीकर बनने का सारा अधिकार के. सुरेश को था, वे 8 बार विधायक रहे हैं। नियम के अनुसार उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था लेकिन सरकार ने उन्हें जूनियर को प्रोटेम स्पीकर बनाया। इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि जब आरपीएन सिंह स्पीकर के पद की मांग कर रहे हैं तो वे संविधान को तोड़ने का काम कर रहे हैं।
ऐसे में अब मजबूत विपक्ष सामने खड़ा है, न अब वे माइक बंद करेंगे, न सस्पेंड करेंगे और न ही संविधान को तोड़ेंगे। इस बार राहुल गांधी संविधान की किताब लेकर खड़े हैं और कह रहे हैं कि देश में संविधान की रूपरेखा किसी की मर्जी से नहीं बनाई जा सकती।