कंगना रनौत के 5 बड़े बयान: बॉलीवुड की रानी और मंडी से लेकर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत पार्टी के लिए संकटमोचक बनी हुई है। चुनाव बीजेपी में नेकंटा पर दांव खेला था और एक्ट्रेस चुनाव भी जीती थीं, लेकिन केंद की बेबाकी पार्टी के लिए संकट खड़ा हो रहा है।
पिछले 1 महीने में दूसरी बार ऐसे बयान जारी किए गए हैं, जिसके बाद पार्टी ने विपक्ष का रुख किया है। इस बार कांगो ने तीन कृषि कानून को फिर से लागू करने की बात कही है. उनके इस बयान से बीजेपी इतनी बदनाम हो गई कि उनकी ही संसद में कही बातों की निंदा की गई. तो अब आपको पता चल गया है कि वह किस तरह के बयानों पर भारी विवाद हो रहे हैं।
किसान आंदोलनकारियों ने दिया था बयान
साल 2020 में कांगो रिपब्लिक का सबसे पहला बयान आया था, जो कि किसान आंदोलन पर हमलावर था। दिसंबर 2020 में बीबीसी ने 88 साल की एक बूढ़ी महिला किसान महेंदर कौर का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने कमर के बाक़ी झंडे के लिए पंजाब के किसानों के साथ मार्च किया था। महेंदर कौर की इस तस्वीर की तुलना रॉयलन बाग के प्रदर्शन की अवज्ञा करने वाली बिल्किस दादी से भी की जाने लगी थी। उस समय केनाकांत ने ट्वीट करते हुए कहा था कि तंज कासा था कि हां हां ये वही दादी है, जिसमें टाइम्स जर्नलिस्ट की 100 सबसे लोकप्रिय लोगों की सूची शामिल थी और यह 100 रुपये में उपलब्ध है।
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— एबीपी न्यूज़ (@ABPNews) 25 सितंबर, 2024
राहुल गांधी ने दिया था बयान
कट्टरपंथियों ने राहुल गांधी पर भी की थी टिप्पणी. जुलाई 2024 में संसद सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भगवान शिव और महाभारत की कथा के चक्रव्यूह का ज़िक्र किया था, जिसके बाद राहुल गांधी ने दावा किया था कि वह जिस तरह से बदहवास बातें करते हैं, उनका परीक्षण होना चाहिए कि क्या वह कोई ड्रेग्स लेते हैं.
चौदह पर भी प्रश्न
कट्टरपंथियों ने कट्टरपंथियों के ऊपर भी सवाल उठाए थे. महाराष्ट्र में राजनीतिक गठबंधन की टूट और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने लिखा था कि ‘संतृप्त राजनीति नहीं करनी है तो क्या गोलगप्पे खत्म होगा।’ उन्होंने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे से जुड़े एक पोस्ट में लिखा था कि छोटे भाई ने महाराष्ट्र के हमारे मुख्यमंत्री जी को चकमा देने वाले से गद्दार, विश्वासी जैसे आरोप लगाते हुए हम सभी की भावनाएं व्यक्त की हैं। पितृ जी इस तरह की छोटी और ओछी बातें कहकर हिंदू धर्म की गरिमा को बता रहे हैं।
असली आज़ादी 2014 में मिली
कैनन ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश को असली आजादी 2014 के बाद मिली है। साल 2021 में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कंगना रनौत ने कहा था कि भारत को साल 1947 में आजादी मिली थी और देश को असली आजादी साल 2014 में मिली है। असल, भारत को अंग्रेज़ों से साल 1947 में 15 अगस्त के दिन आज़ादी मिली थी। यह आजादी की लंबी लड़ाई और संघर्ष के बाद मिली थी जबकि साल 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे।
इन हीरोइनों को बताया गया बी-ग्रेड एक्ट्रेस
कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में अभिनेत्री तापसी पी बॉस और स्वरा भास्कर को बी-ग्रेड अभिनेत्री बताया। क्रांतिकारी की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर काफी तीखी हो गई थी। उनके दोस्त और रॉकेट के बीट रेस्टोरेंट भी हुए।
सीआईएसएफ की महिला कॉन्स्टेबल ने जब कंगाल को जड़ाता दिया
पॉलिटिकल एनालिस्ट अभय कुमार दुबे का कहना है कि हरियाणा में चुनाव चल रहा है और किसान आंदोलन बीजेपी के खिलाफ है, लेकिन इन सब के बीच में कंगना रनौत को ऐसी शक्ति कहां से मिल रही है, जिस बल पर वह इतनी बड़ी हैं बातें कह रही हैं. कुमार अभय दुबे ने कहा कि कंगाल कट्टरपंथियों ने सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोल दिया नरेंद्र मोदी सेटेलाइट है और उनकी बातों का कोई विरोध भी नहीं करता. कंगना रनौत के ऐसे बयान लड़ाई से बीजेपी को चुनाव में नुकसान होगा और इसी के बारे में कंगना रनौत चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ जवानों से भी खफा हैं।
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