झारखंड विधानसभा चुनाव: एक तरफ जहां जम्मू-कश्मीर में चुनाव जारी हैं तो वहीं झारखंड में चुनाव को लेकर आज (28 सितंबर) अमित शाह के आवास पर अहम बैठक जारी है। बैठक में आजसू पार्टी (ओएल झारखंड यूथ यूनियन) के प्रमुख सुदेश महतो और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा क्षेत्र में हैं, जहां झारखंड चुनाव में साझेदारी को लेकर अहम चर्चा हो रही है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक आजसू चीफ की ओर से डबल डिजिट में ऑफर की मांग हो रही है। पहले आजसू 13वें पायदान पर थी, लेकिन अब चाहती है कि कम से कम दसवें पायदान पर उसकी पहुंच हो, लेकिन बीजेपी आजसू को 8वें पायदान पर ही देखना है। बताओ कि किस बारे में अमित शाह मुलाकात के पहले आजसू प्रमुख सुदेश महतो और हिमंता बिस्वा सरमा की सीट शेयरिंग को लेकर अलग से भी बैठक हुई.
ये थे 2019 के नतीजे
साल 2019 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सीट दोस्ती को लेकर बीजेपी और आजसू के बीच बात नहीं बन पाई थी. उस दौरान आजसू ने बीजेपी से अलग हटकर खुद के दम पर चुनावी लड़ाई शुरू की थी और 52 सीटों पर अपनी दावेदारी मैदान में उतारी थी. हालाँकि, इसका नुकसान दोनों ही विचारधाराओं को हुआ था और 2014 के चुनाव परिणामों में दोनों ही असफल रहे और सत्ता से बाहर हो गए।
मासूम के साथ लड़ाई
हालाँकि, चुनाव दोनों ही एल्बम में एक साथ सामूहिक रूप से मैदान में उतरे थे, जहां बीजेपी ने झारखंड में 13 वें एपिसोड में उथल-पुथल मचाई थी तो वहीं आजसू को एक साथ बैठा दिया गया था। बता दें कि कुछ दिन पहले ही भारतीय चुनाव आयोग ने झारखंड के दो दिव्यांगों का दौरा किया था और अलग-अलग पार्टियों के अधिकारियों से अलग-अलग पार्टियों के लिए मुलाकात की थी। महाराष्ट्र की तरह ही झारखंड के भी ज्यादातर राजनीतिक संतों ने यह मांग रखी थी कि चुनाव की तारीखों का ऐलान, दुर्गा पूजा, छठ ऐसे त्योहारों को ध्यान में रखा जाए। इन शोरूम ने झारखंड का चुनाव एक ही चरण में पूरा करने की मांग की थी.
तीन है झारखंड में
रियल एस्टेट के माने तो झारखंड में कुल 2 करोड़ 59 लाख है। इनमें से एक करोड़ 31 लाख पुरुष और एक करोड़ 28 लाख महिलाएं हैं। होने वाले विधानसभा चुनाव में 29562 पोलिंग स्टेशन बनाने की तैयारी की जा चुकी है, जो 20276 में अलग-अलग जगह बनाएंगे। झारखंड में कुल 81 ज्वालामुखी शामिल हैं, जिनमें 44 सामान्य, समुद्री तट और 28 ज्वालामुखी शामिल हैं।
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