जेके चुनाव के बाद गठबंधन: नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार (07 अक्टूबर) को कहा था कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी सत्ता से बाहर हो जाएगी और नेशनल कांफ्रेंस के लिए ओबामा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ चुनाव लड़ेंगे। गठबंधन करने की तैयारी है.
पर्यवेक्षक की ओर से पूछा गया कि वह पीआईपी के साथ क्या गठबंधन करना चाहता है तो उन्होंने कहा कि क्यों नहीं… इससे क्या फर्क पड़ता है? उनका कहना है कि वे सभी एक ही चीज के लिए काम करते हैं। खैर वह एक दूसरे का प्रतिद्वंदी हो, लेकिन उससे कोई मतलब नहीं है। फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि कांग्रेस को भी कोई विश्वास नहीं होगा।
क्या सीएम बने फारूक अब्दुल्ला?
फारूक अब्दुल्ला से यह भी पूछा गया कि अगर गठबंधन की सरकार बनती है तो क्या वे सीएम बनेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा। मैंने अपना काम कर लिया है। अब मेरी समस्या यह है कि हम एक मजबूत सरकार कैसे बना सकते हैं।” उनका ये भी कहना है कि समर्थन के लिए वो किसी से भी बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि वो सामने आकर समर्थन के लिए भी तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि राज्य मजबूत हो सकता है, तो स्वागत है।
‘किंगमेकर’ की भूमिका क्या होगी?
फारूक अब्दुल्ला ने यह भी सुझाव दिया कि पीआईपी को भी गठबंधन में शामिल करने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन सीट आराम पर कोई समझौता नहीं हो सका, जिसके कारण ओबामा फ्री की पार्टी ने अपने दम पर चुनाव लड़ा। हालाँकि, उनका यह भी कहना है कि कल (7 अक्टूबर) होने वाली पत्रिका के एलेक्ट्रेट पोल में त्रिशंकु विधानसभा का संकेत दिया गया है, ऐसे में पीआईपी ‘किंगमेकर’ की भूमिका हो सकती है।
पूर्वजों के लिए खास आई पी पी?
जम्मू-कश्मीर चुनाव के एकांत सर्वेक्षण में बताया जा रहा है कि एनसी-कांग्रेस गठबंधन सबसे ज्यादा बढ़त हासिल करेगा, लेकिन 90 विधायकों में 46 बहुमत के आंकड़े पीछे रह सकते हैं। पीआईपी, जिसमें चार से 12 सदस्यों का अनुमान है, एनसी-कांग्रेस या बीजेपी में से किसी के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
खास बात यह है कि एनसी-पी पीआई गठबंधन के प्रस्ताव में लाल चौक सीट के उम्मीदवार जुहैब यूसुफ मीर की ओर से भी रखा गया था। उनका कहना था कि पीआईपी, एनसी और कांग्रेस को शामिल करने की तैयारी है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भाजपा राज्य में सत्ता हासिल न कर सके।
यह भी पढ़ें- मौसम अपडेट: चिलचिलाती गर्मी? दिल्ली-मुंबई से लेकर बंगाल तक ऐसा रहेगा मौसम का हाल, जानें- IMD का ताजा अपडेट