जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तर प्रदेश (यूपी) के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा खेल करने की कोशिश की है। उनके नेतृत्व वाली सपा ने केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में 20 पिक्सेल पर पार्टियाँ प्रस्तुत की हैं, जिनमें से चार पार्टियाँ (बारामूला, उधमपुर पश्चिम, बांदीपोरा और वागुरा क्रिरी) पर प्रतियोगी कांग्रेस को टक्कर दे सकती हैं।
पॉलिटिकल पार्टीक्स की पार्टियां तो एसपी का नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी डीपी) के रूप में जम्मू और कश्मीर में कोई जनाधार नहीं है। हालाँकि, फिर भी किसी ने किसी दल का खेल खेलने का माद्दा लिखा है। एसपी के युटी का चुनाव लड़ने से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान? इस पर अभी भी कुछ कहा गया है कि मगर इतना जरूर साफ है कि वहां मौजूद अखिलेश यादव की पार्टी की ओर से समाजवादी पार्टी की लड़ाई और दिलचस्प बातें सामने आएंगी।
मो.फारूक खान को टिकट देते हुए साथी से मित्र
अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी जम्मू और कश्मीर के चुनाव से पहले भी चर्चा में है क्योंकि उनकी एक सीट पर बेहद महंगी गिरावट आई है। यह उम्मीदवार किसी समुद्र तट में जम्मू और कश्मीर के विरुद्ध लड़ाई को आमादा था। यही वजह थी कि वह पाकिस्तान तक गया था और वहां ट्रेनिंग ट्रेनिंग ली थी। 11 साल की जेल की सजा काटी इस प्रतियोगी के मन में बाद में पूरी तरह से बदलाव आया और वह अब कश्मीर के लिए लड़ने को तैयार हैं। नाम है- मोहम्मद फारूक खान, जिसमें अखिलेश यादव की सपा ने हब्बा कैडल विस सीट से टिकट दिया है।
“कश्मीरी कौम के ज़ख़्मों पर…”, एसपी बोलीं
मोहम्मद फारूक खान ने यूट्यूब न्यूज चैनल ‘न्यूज तक’ से बातचीत के दौरान कहा, ”कश्मीरी कौम को नए पटाखों की जरूरत है। पुराने और देहाती लोगों ने कश्मीरियों के जख्मों को बार-बार कुरेदा है और उनका खून निकलना जारी है।” इसलिए आए हैं, तो अंधविश्वासी कौम के जख्मों पर मरहम लग गया। हम चाहते हैं कि जो 70 साल से दो बटों के बीच पीस रही थी, वह बाहर ताज्जुब और खुशहाली की ओर जाए।”
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अखिलेश यादव पर क्या बोले मो.फारूक खान?
हब्बा कदल विस क्षेत्र से सपा उम्मीदवार के अनुसार, “मैं अखिलेश यादव का बहुत शुक्रगुजार हूं, जो उन्होंने मेरा इतिहास देखने-जानने के बाद भी मौका दिया। मैं उनके पास (सपा में) आया क्योंकि वह भारत में अल्पसंख्यकों के लिए काम करते हैं।” हैं। “
आतंक की राह पर चलने को लेकर कही ये बात!
पूर्व में आतंक की राह पर चलने के बारे में स्पाइस मोती ने बताया, “गलतियां तो यादगार पर अपना निर्माण करना चाहती हैं। हम कुछ ऐसा करके जाना चाहते हैं कि आने वाली नस्लें हमें याद रखें। इतिहास एक दफा अशरा जाए कि एक फारूक खान था, जिस देश के खिलाफ बंदूकें उड़ाई गईं, जब बाद में उसे नष्ट कर दिया गया तो देश को आगे बढ़ाने के लिए जी-जान लगा दिया गया।
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