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Haryana Elections Jaat Dalit Voters Most Important In Haryana Chunav Know Why Bhupinder Singh Hooda Congress BJP | Haryana Elections: हरियाणा में इस जाति की है तगड़ी ठाठ, अपने पर आ जाएं तो रच दें इतिहास; समझें - Supreme News247

Haryana Elections Jaat Dalit Voters Most Important in haryana Chunav know why Bhupinder Singh hooda Congress BJP | Haryana Elections: हरियाणा में इस जाति की है तगड़ी ठाठ, अपने पर आ जाएं तो रच दें इतिहास; समझें

Haryana Elections Jaat Dalit Voters Most Important in haryana Chunav know why Bhupinder Singh hooda Congress BJP | Haryana Elections: हरियाणा में इस जाति की है तगड़ी ठाठ, अपने पर आ जाएं तो रच दें इतिहास; समझें


हरियाणा चुनाव: हरियाणा में सबसे अहम किरदार जाट और दलित ही हैं। हरियाणा में 24 से 25 प्रतिशत जाट समुदाय आते हैं। इस समुदाय के परामर्श पर ही निर्भर करता है कि सरकार किसकी बनती है। राज्य का गठन 1966 में हुआ तब से लेकर अब तक हरियाणा में 33 मुख्यमंत्री जाट समुदाय से ही आये थे। 90 विधानसभाओं में से 36 पर जाट वोटर दबंग बने हुए हैं। यही कारण है कि सभी राजनीतिक विचारधाराओं की नजर जाट और दलित मतदाताओं पर टिकी है।

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अगर चुनाव में कुछ अलग रखा है तो यहां पर मुख्यमंत्री भी जाट की जगह दूसरे समुदाय का बना है, जैसे मनोहर लाल दुर्लभ, जो खत्री समुदाय से आते हैं। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जो कि पिछड़े वर्ग से आये थे। यही रणनीति कांग्रेस ने भी अपनाई. भजनलाल को कांग्रेस से हटा दिया गया, लेकिन कांग्रेस के बड़े और कद्दावर जाट नेताओं में शामिल हुए भंडारी सिंह ने सिर्फ भजनलाल को कांग्रेस से नहीं हटाया बल्कि पूरे हरियाणा की राजनीति से ही किनारा कर लिया। हरियाणा में जाट वोटरों की संख्या जितनी बड़ी है, उतने ही देश के अन्य मतदाताओं में नहीं है।

पश्चिमी यूपी में भी खास हैं ये जानवर

हरियाणा में जाट और दलित वोटर जब मिलते हैं तो स्थिति में आ जाते हैं। ठीक है ऐसे ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करें तो यहां भी जाटों की काफी बातें हैं। पश्चिमी यूपी में कई बार जाट और मुस्लिमों के बीच सामूहिक गठबंधन होता है और उनका निर्णय तय होता है। पूर्वी, पश्चिमी यूपी में जाटों के समझ में खेतीहर मजदूर के तौर पर मुस्लिम काम करते हैं और हरियाणा में जाटों के समझ में दलित काम करते हैं। हरियाणा में मूर्तिपूजकों की बात करें तो उनकी संख्या 20 से 22 फीसदी है।

कांग्रेस को फायदा हो सकता है

हरियाणा में भूपेन्द्र सिंह शोरूम ने 10 साल तक अपनी सरकार बनाई। वह भी जाटों और शैतानों को जोड़कर और इस बार भी कुछ ऐसी ही सोच रही हैं। कांग्रेस पार्टी में जिस तरह की गुटबाजी चल रही है, अगर उसका प्रभाव जमीन पर नहीं डाला गया तो फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं और इससे कांग्रेस को फायदा होगा। दूसरी तरफ स्टालियन सिंह सुरजेवाला और कुमारी शैलजा भी खुद को अप्रूवल बता रही हैं।

इन दस्तावेजों को ठीक है बीजेपी

जिस प्रकार से कांग्रेस में जाट नेता आगे दिख रहे हैं उस प्रकार से भाजपा में कोई भी नेता आगे नहीं है। बीजेपी के शासन वाले हरियाणा में सबसे अहम फैक्टर बनकर सामने आया वह ‘रियल इस्टेट बिजनेस’ है. हरियाणा और दिल्ली से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है, जहां सबसे ज्यादा रियल एस्टेट का कारोबार होता है। इस व्यवसाय के कारण से लोग भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस से ज्यादातर ठीक-ठाक तत्व मिलते हैं। इसकी वजह यह भी है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और राज्य में भी लोगों को हर चीज की सुविधा मिलती है.

अब आपको एक नज़र में ये छात्र बताते हैं कि हरियाणा में किस समुदाय के कितने हिस्से हैं।

  • जाट- 25 प्रतिशत
  • दलित- 21 प्रतिशत
  • ब्राह्मण- 8 प्रतिशत
  • पंजाबी- 8 प्रतिशत
  • वैश्य- 5 प्रतिशत
  • यादव- 5 प्रतिशत
  • मुस्लिम 4 प्रतिशत
  • सिखाना- 4 प्रतिशत
  • गुर्जर- 3 प्रतिशत
  • अन्य- 17 प्रतिशत

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