Elections 2024 BJP NDA Narendra Modi UP Yogi Adityanath KP Maurya Bihar JDU Nitish Kumar Maharashtra Mahayuti MVA

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बीजेपी के लिए जिन राज्यों ने अभी तक अपना वेतन बढ़ाया है, उनमें यूपी, बिहार और महाराष्ट्र शामिल हैं। यूपी में इस साल एस्ट्राइव के आस-पास विधानसभा के 10 हिस्सों के लिए उप-चुनाव हो रहा है। बिहार में अगले साल विस चुनाव होंगे, जबकि महाराष्ट्र में भी इसी साल विस चुनाव होंगे। ये भी साधक के करीब हो सकते हैं. हालाँकि, इनमें से किसी का भी मंदिर योजना से कोई लेना-देना नहीं है।

सबसे पहली बात यूपी की.  वहां विस के जिन 10 जिलों में उप-चुनाव हो रहे हैं, उनमें कटहरी, करहल, हल्दीपुर, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसा माउ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी हैं।  उत्तर प्रदेश में उप-चुनाव के पहले यूपी में दो बड़े दिग्गज (सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य) के बीच खटपट की यात्रा हुई।

सबसे पहली बात यूपी की. वहां विस के जिन 10 जिलों में उप-चुनाव हो रहे हैं, उनमें कटहरी, करहल, हल्दीपुर, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसा माउ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी हैं। उत्तर प्रदेश में उप-चुनाव के पहले यूपी में दो बड़े दिग्गज (सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य) के बीच खटपट की यात्रा हुई।

उदाहरण के तौर पर गैलियंस में इस तरह का खतरा पैदा हो गया कि यूपी बीजेपी में दो बड़े दिग्गजों की कथित कट्टर पार्टी को आगामी विस के उप-चुनाव में नुकसान न पहुंचा दे।  अगर पार्टी दो धड़ों या खेमों में बंटी नजर आएगी और एक दल के नेता की ताकत में हमलावर-भिड़ते और उलझते दिखेंगे तो इस झील के बीच भी गलत संदेश जाएगा।

उदाहरण के तौर पर गैलियंस में इस तरह का खतरा पैदा हो गया कि यूपी बीजेपी में दो बड़े दिग्गजों की कथित कट्टर पार्टी को आगामी विस के उप-चुनाव में नुकसान न पहुंचा दे। अगर पार्टी दो धड़ों या खेमों में बंटी नजर आएगी और एक दल के नेता की ताकत में हमलावर-भिड़ते और उलझते दिखेंगे तो इस झील के बीच भी गलत संदेश जाएगा।

दूसरा राज्य बिहार है, जो लंबे समय से विशेष राज्य का अधिकार प्राप्त करने के लिए टकटकी लगाए हुए है।  बिहार के सीएम और जेडी (यू) के प्रमुख नीतीश कुमार लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर बड़ी उम्मीद कर रहे थे कि उनके इस पद पर राज्य को विशेष दर्जा मिलेगा लेकिन सोमवार (23 जुलाई, 2024) को उन्हें यह रिश्ता सौंपा जाएगा। तगड़ा झटका लगा.

दूसरा राज्य बिहार है, जो लंबे समय से विशेष राज्य का अधिकार प्राप्त करने के लिए टकटकी लगाए हुए है। बिहार के सीएम और जेडी (यू) के प्रमुख नीतीश कुमार लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर बड़ी उम्मीद कर रहे थे कि उनके इस पद पर राज्य को विशेष दर्जा मिलेगा लेकिन सोमवार (23 जुलाई, 2024) को उन्हें यह रिश्ता सौंपा जाएगा। तगड़ा झटका लगा.

बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग केंद्र सरकार ने लोकसभा में खारिज कर दी।  सरकार ने एस्टीमेट्स के कर्मचारियों को बंधक बना लिया है और कहा है कि बिहार में अभी भी एस्थेटिक्स एस्ट्रेयल्स को राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है।  केंद्र के इस फैसले के बाद बिहार के फुटेज में डेटा देखने को मिल सकता है, जो लगातार बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे।

बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग केंद्र सरकार ने लोकसभा में खारिज कर दी। सरकार ने एस्टीमेट्स के कर्मचारियों को बंधक बना लिया है और कहा है कि बिहार में अभी भी एस्थेटिक्स एस्ट्रेयल्स को राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। केंद्र के इस फैसले के बाद बिहार के फुटेज में डेटा देखने को मिल सकता है, जो लगातार बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे।

स्थानीय नेताओं का तर्क से शुरू होना राज्य के विकास के लिए विशेष आवश्यक है।  हालाँकि, केंद्र सरकार के रुख ने अपनी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।  सरकार ने 2012 में तैयार एक ग्रुप की रिपोर्ट में बताया था कि बिहार में विशेष राज्य का कोई मामला नहीं बनता है.  यह घटना घटना भी अहम है क्योंकि वहां अगले साल विस चुनाव हैं।

स्थानीय नेताओं का तर्क से शुरू होना राज्य के विकास के लिए विशेष आवश्यक है। हालाँकि, केंद्र सरकार के रुख ने अपनी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सरकार ने 2012 में तैयार एक ग्रुप की रिपोर्ट में बताया था कि बिहार में विशेष राज्य का कोई मामला नहीं बनता है. यह घटना घटना भी अहम है क्योंकि वहां अगले साल विस चुनाव हैं।

तीसरी बड़ी ताकत महाराष्ट्र और वहां की स्थिर राजनीतिक स्थिति है।  वहां एक अनार्य और सौ बीमार वाली परिस्थिति नजर आ रही है।  ऐसा इसलिए क्योंकि वहां महायुति (इंडिया) की सरकार है, लेकिन हर का एबीपी सीएम पद पर है।  अभी सीएम (शिंदु गुट) के एकनाथ शिंदे हैं, जबकि दो डिप्टी सीएम (बीजेपी के नेता और पार्टिसिपेंट के अजिताहार) हैं।

तीसरी बड़ी ताकत महाराष्ट्र और वहां की स्थिर राजनीतिक स्थिति है। वहां एक अनार्य और सौ बीमार वाली परिस्थिति नजर आ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां महायुति (इंडिया) की सरकार है, लेकिन हर का एबीपी सीएम पद पर है। अभी सीएम (शिंदु गुट) के एकनाथ शिंदे हैं, जबकि दो डिप्टी सीएम (बीजेपी के नेता और पार्टिसिपेंट के अजिताहार) हैं।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि सेंचुरी में सबसे बड़ी टीम बीजेपी के सीएम पर नहीं है, इसी बीच-बीच में कंजेशनबाजी के जरिए बताया जाता है।  मशहुत चर्चा के बीच सीएम पद की अनुमति जहां तेजी से चल रही है, वहीं अन्य जगहों पर भी फोटोग्राफरों की बैठकों का दौर चल रहा है और अलग-अलग तरह से इंवेस्टमेंट भर्ती का प्रयास जारी है।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि सेंचुरी में सबसे बड़ी टीम बीजेपी के सीएम पर नहीं है, इसी बीच-बीच में कंजेशनबाजी के जरिए बताया जाता है। मशहुत चर्चा के बीच सीएम पद की अनुमति जहां तेजी से चल रही है, वहीं अन्य जगहों पर भी फोटोग्राफरों की बैठकों का दौर चल रहा है और अलग-अलग तरह से इंवेस्टमेंट भर्ती का प्रयास जारी है।

महाराष्ट्र बीजेपी के लिए यह भी जरूरी है क्योंकि वहां हाल ही में हुए आम चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी।  48 नामांकन वाले सेंचुरी में कांग्रेस को 13, बीजेपी को नौ, बीजेपी को नौ, बीजेपी को एक और सीट हासिल हुई थी.

महाराष्ट्र बीजेपी के लिए यह भी जरूरी है क्योंकि वहां हाल ही में हुए आम चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी। 48 नामांकन वाले सेंचुरी में कांग्रेस को 13, बीजेपी को नौ, बीजेपी को नौ, बीजेपी को एक और सीट हासिल हुई थी.

प्रकाशित समय : 23 जुलाई 2024 10:43 AM (IST)

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