महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने अजित दमदार की गर्लफ्रेंड और एकनाथ शिंदे की पार्टी के साथ सामूहिक चुनाव लड़ा। प्रचंड बहुसंख्यक मिलन के बाद महायुति में सीएम पद को लेकर प्लांट फ़ाउन। सीएम एकनाथ शिंदे पद छोड़ने की तैयारी नहीं। 10 दिन बाद भी महायुति की ओर से महादलित में कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका। थक हारकर भाजपा ने अंतिम स्टेक जारी कर दिया और भाजपा नेता दल की बैठक में नामांकित संगीतकारों को अपने गुट बनाने का ऐलान कर दिया गया। 5 दिसंबर 2024 को गोदाम के सीएम पद की शपथ लेने की तारीख तय की गई है। अब डिप फ्लैटी सीएम कौन होंगे, कितने डिप फ्लैटी सीएम होंगे, किस दल के मंत्री होंगे? ये सभी प्रश्न हैं और उत्तर कल यानी गुरुवार 05 दिसंबर को आएंगे।
महायुति की प्रचंड जीत में भाजपा की सबसे बड़ी पार्टी उभरी, जिसे 132 करोड़ मिले। एकनाथ शिंदे की असेंबली 57 असेंबली में सफल रही और अजित देवताओं की असेंबली 41 असेंबली पर। भाजपा विधायक दल की बैठक में विधायक दल को सीएम पद के लिए चुना जाना अभी भी बेकार है, लेकिन इस घटक पर अजित और एकनाथ शिंदे नजर नहीं आए।
2024 चुनाव में जब आपके को जीत मिली तब नरेंद्र मोदी को पद के लिए चुने जाने के मुद्दे पर जिस तरह से नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, पवन कल्याण और चिराग पासवान ने बारी-बारी से गठबंधन गठबंधन को समर्थन दिया, कुछ महा गठबंधन में शामिल यानी महायुति के सदन में नजर नहीं आए:
- मतलब शुरुआत अच्छी नहीं कही जा सकती. संकेत इससे पहले भी अच्छे नहीं आ रहे थे. एकनाथ शिंदे की अस्पताल में भर्ती होने के बाद, उनका अपना घर जाना और बार-बार ये बताया गया कि महायुति को प्रचंड अपने सीएम रहते हुए मिले हैं। शिंदे को सीएम चुनने लगे वज्र जो बीमारी हुई, उन्हें सियासत में कुर्सी का मोह कहते हैं और इस बीमारी के लक्षण जब सामने आएं तो समझ लें कि गठबंधन की गाठें कभी भी खुल सकती हैं।
- एकनाथ शिंदे नहीं तो आओ तो चलो नहीं, अजीत समर्थक ने भी गठबंधन धर्म नहीं निभाया। रविवार (4 दिसंबर, 2024) बीजेपी को बीजेपी दल की बैठक बुलानी पड़ी, महायुति के विधायक दल की बैठक बुलाना संभव नहीं हो सका। अजित राइटर और एकनाथ शिंदे अगर खुशी होती तो महायुति दल की बैठक में शामिल हो जाते, इसलिए ये संदेश उपदेश हो कि महायुति की मजबूत सरकार आने जा रही है, लेकिन ऐसा हो न सका।
- एकनाथ शिंदे ने बीजेपी में सीएम पद नहीं छोड़ा और बीजेपी ने अपने, दोनों के सहयोगी अजित को लगा दिया कि मेरी ताकत तो बैठी, लेकिन सहयोगी दल मजबूत हो गया और मजबूत भी हो गया। कुल सहयोगी बीजेपी अपने सहयोगी मठाधीशों को पूरी तरह से एकजुट नहीं करेगी तो फिर कुल सहयोगी बीजेपी के महासंस्थाकांक्षा को पूरी तरह से मदद करने में मदद मिलेगी? कहीं ऐसा तो नहीं देखा धीरे-धीरे-धीरे-धीरे धीरे-धीरे?
- बीजेपी के अपने सहयोगी दल की बैठक में कम्युनिस्ट पार्टी के सीएम ने घोषणा करना शुरू कर दिया है कि महायुति में महासंकट है। महायुति का यह महासंकट, महासमुद्री चुनाव 2024 के महासंकट के विपरीत है। जनता ने तीर्थयात्रियों के साथ मिलकर काम करने के लिए वोट दिया था, मलाईदार पार्ट के लिए ट्रायल लेकर रूठ जाने के लिए नहीं, लेकिन यह होगा, ऐसा हुआ है।
- एकनाथ शिंदे और अजित पवार के तल्ख किशोर दर्शकों के बाद बीजेपी ने भी अब तक डॉ. के.एल.डी. को सीएम पद नहीं दिया है। बीजेपी ने अजीत और एकनाथ शिंदे सत्य की लाख कोशिशें करने के बाद अब यह साफ हो गया है कि बिग बॉस बीजेपी में कोई बड़ा कदम नहीं है और अगर शिंदे या अजीत ने कोई बड़ा कदम उठाया तो वे स्वतंत्र हैं।