आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अब हमारी पार्टी आगामी प्रदेश भर में खुद अपने दम पर 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद से ही सभी पार्टियां आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई हैं. अब दावा किया जा रहा है कि 2027 में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस मिलकर बीजेपी को सत्ता को उखाड़ फेंकने की तैयारी में लग गई है.
इन सबके बीच में उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब एक नया खिलाड़ी भी उतर आया है. इनका नाम चंद्र शेखर आजाद है. आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्र शेखर आजाद ने 2024 को लोकसभा चुनावों के दौरान नगीना लोकसभा सीट से जीत कर पार्टी में नई ऊर्जा डाल दी है.
इस बीच 13 जून को अयोध्या पहुंचे भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखऱ से 2027 के विधानसभा चुनावों के बारें में पूछा तो उन्होंने कहा कि आगामी 2027 के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी 403 सीटों पर चुनाव अपने बदौलत लड़ेगी. उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने सबको चौंका दिया है. नगीना सीट पर चंद्रशेखर 1 लाख 51 हजार 473 वोटों से जीत दर्ज की है. इस दौरान उन्हें 5 लाख 12 हजार 552 वोट मिले हैं. जबकि बीजेपी उम्मीदवार इस चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे. उन्हें 3 लाख से ज्यादा वोट मिले थे.
इसके अलावा समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मनोज कुमार को 1 लाख 3 हजार 274 वो मिले. अगर यूपी की नगीना लोकसभा सीट की बात करें तो ये सीट काफी दिलचस्प मानी जाती है. नगीना सीट को किसी भी पार्टी का गढ़ नहीं माना जाता है. साथ ही इस सीट की एक खासियत और है कि यहां से दोबारा कोई सांसद नहीं बनता है. हालांकि, पिछली बार के नगीना लोकसभा सीट से सांसद गिरीश चंद्र इस बार बुलंदशहर चले गए. उनकी जगह पर बहुजन समाज पार्टी ने सुरेंद्र पाल सिंह को मैदान में उतारा था.
नगीना सीट की लड़ाई को आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्र शेखर आजाद ने दिलचस्प बना दिया था. दरअसल, चंद्रशेखर ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद से ही इस सीट पर डेरा डाल दिया था. ढ़ेड़ साल के बाद उम्मीद थी कि सपा और रालोद कांग्रेस के इंडिया गठबंधन से उन्हें दावेदारी के लिए सीट मिल जाएगी. मगर, चुनाव से ठीक पहले जयंत चौधरी बीजेपी के साथ चले गए. वहीं, सपा ने नगीना से अपना कैंडिंडेट उतार दिया.
नगीना से सपा उम्मीदवार घोषित होने के बाद ये बात तो साफ हो गई कि अखिलेश य़ादव और चंद्रशेखर के बीच दावेदारी को लेकर कोई सीधी बात नहीं हुई. कहा गया कि चंद्रशेखर ने सपा से समर्थन नहीं मांगा था. इसलिए अखिलेश ने अपना कैंडिंडेट उतार दिया.
Published at : 15 Jun 2024 11:24 PM (IST)