नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट आने के बाद बीजेपी के नेता और मंत्री दिग्गजों के पुल बांधते नजर आ रहे हैं तो वहीं कोनामा ने इस पर जोरदार हमला बोला है. नगीना से नगीना और भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद भी विरोध में शामिल हुए.
उन्होंने सबसे पहले ट्वीट करते हुए कहा कि ये बजट उद्योगपतियों को खुश करने वाला है और देश के मजदूर, किसान, युवा, शेखों, महिलाओं और बहुजनों को निराश करने वाला है। उन्होंने कहा कि इस बजट से जनता ने अलग-अलग राय रखी थी. जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है।
नगीना मंदिर मंदिर आज़ाद यहाँ नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है तो बहुत थी कि बहुत सारी साड़ी एग्रीजन पर, किसानों पर, महिलाओं पर बात होगी, लेकिन ऐसा कुछ सामने नहीं आया।
उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है. इंटर्नशिप की बात तो हुई, लेकिन नौकरी कहां से मिलेगी? उद्यमों की फौजदारी दुकान होगी. अग्नि वीर 5 साल बाद क्या होगा। उन्होंने कहा कि बस्टॉक को और बस्ट करने का समझौता किया गया है।
उन्होंने कहा कि महिला कल्याण पर जो बातें हुई हैं वो सुनने में बहुत अच्छी हैं, लेकिन भारत में कामकाजी महिलाएं सबसे ज्यादा घरेलू महिलाएं हैं। घरेलू महिलाओं की रसोई कितनी अच्छी हो और उनके घर के बजट के बारे में कैसे बताएं, मंहगाई पर कोई लाभ नहीं दिया गया है। किसानों के लिए बड़ी-बड़ी बातें कह गए, लेकिन जिस चीज के लिए 17 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। एमएसपी पर सरकार ने कुछ नहीं कहा.
स्वास्थ्य और शिक्षा का बजट बिल्कुल भी छोटा नहीं है। सवाल यह है कि एससी, एसटी और असम के बच्चे जो पढ़ना चाहते हैं उनके लिए सरकार ने कोई परियोजना क्यों नहीं बनाई। एससीएच, एसटी, एकल बच्चों के लिए कोई भी छात्र योजना मुझे दिखाई नहीं दी। विकसित भारत की बात तो भारत सरकार करती है, लेकिन स्वास्थ्य भारत सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।
सफाई कर्मचारियों के लिए भी बजट की कोई व्यवस्था नहीं की गई। गैटर की समस्या से लेकर इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए सरकारी मशीन की व्यवस्था की जा सकती है, जिससे लोगों की जान सुरक्षित हो जाए। नौकरी दे सकते थे, लेकिन नहीं दिया गया. कुल मिलाकर नगीना, नगीना, डेमोक्रेट, आजाद ने कहा कि यह बजट खोखला है और यह पशुपालन बजट से प्रदेश की जनता को आवंटित किया गया है।
प्रकाशित समय : 24 जुलाई 2024 08:44 AM (IST)