एनडीए की सरकार बनी. पीएम मोदी ने बीते रोज (9 जून) प्रधानमंत्री पद की शपथ भी ली, लेकिन इन सब के बीच यदि हम बात करें पंजाब के परिणामों की तो यहां नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने का मुद्दा ज्यादा कारगर नहीं रहा. लोकसभा चुनाव 2024 में पंजाब में बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिला. प्रमुख अभिनेताओं के बीच भी जंग देखने को मिली.
जहां दिल्ली में INDIA Alliance का हिस्सा होने के बाद भी AAP और कांग्रेस यहां एक दूसरे खिलाफ लड़े. कांग्रेस और AAP दोनों को ही लगभग बराबर वोट मिले,मगर बात करें सीटों की तो कांग्रेस आप से ज्यादा सफल रही.
शिरोमणि अकाली दल ने एक सीट जीती तो वहीं दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई. इससे भी खास बात ये रही की भाजपा (18.6%) को अकाली (11.6%) दल से ज्यादा वोट मिले.
CSDS-लोकनीति के चुनाव के बाद के आंकड़ों से पता चला कि पंजाब में वोटरों ने वोट देते समय प्रत्याशी के साथ-साथ पार्टी पर भी ध्यान दिया. पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगने वाली भाजपा वोटरों पर कुछ खास असर नहीं डाल पाई.
संविधान और नागरिकों, खासकर सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े समूहों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात करने वाले INDIA Alliance को जमकर समर्थन मिला.
44 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि लोकतंत्र की भलाई के लिए सरकाक को बदलने का अधिकार आवश्यक है. जबकि हर 10 में से 4 नागरिक के लिए समान अधिकारों को प्राथमिकता दी गई है.
Published at : 10 Jun 2024 08:40 AM (IST)