Haryana Assembly Election 2024 BJP NDA Nayab Singh Saini JP Nadda Narendra Modi Congress INDIA Bloc Rahul Gandhi

Haryana Assembly Election 2024 BJP NDA Nayab Singh Saini JP Nadda Narendra Modi Congress INDIA Bloc Rahul Gandhi


हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हाथ इस बार हरियाणा में है। अलग-अलग पॉलिटिकल शेयरों में एक धड़ा ऐसा भी हो गया जो उन सभी पोलिटिकल्स को गलत बता रहा है। इस रसायन के राजनीतिक सिद्धांतों और स्तरों का मानना ​​है कि हरियाणा में बीजेपी की मूर्तियां डूबना तय है और वहां कुछ खास कारकों के कारण उनकी मिट्टी का मिश्रण हो सकता है। दावा है कि अब तक हरियाणा को लेकर जो भी सर्वे आया है, उसके नतीजे गलत साबित हो सकते हैं। मूल, मिसौरी सर्वे वर्ष 2019 के माके तैयार हो गए और टैब से लेकर अब तक स्थिति में बहुत बदलाव आ चुका है।

‘न्यूज तक’ के वरिष्ठ टीवी पत्रकार विजय विद्रोही ने दावा किया कि बीजेपी की हार के दो बड़े हिस्से हैं। पहला- 10 साल की एंटी-इंकैम्बेसी। उनका कहना है, ”बीजेपी का कुछ वोट इस बार ऊपर-नीचे होगा. सीट और उम्मीदवार पर फिर से वांछित या जातीय अनुपात के हिसाब से यह इधर-उधर हो सकता है. है।” दूसरे अहम कारक का ज़िक्र करते हुए उन्होंने आगे बताया कि बीजेपी से हरियाणा में चार समुदाय विशेष रूप से नाराज हैं, शामिल किसान (बृजभूषण शरण सिंह वाले विवाद को लेकर), किसान (एमएसपी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर), लाभ (रोज़गार के उद्यम) पर) और जवान (सेना भर्ती को लेकर अग्निवीरों के संदर्भ में) हैं।

पॉलिटिकल सिद्धांत के अनुसार, “हरियाणा में असली लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच है।” पीछे से लेकर आगे की सैद्धांतिक स्थिति के आधार पर वे पांच अहम घटक भी बने, जो सीधे-सीधे सीधे तौर पर हरियाणा में बीजेपी की हार या कांग्रेस की जीत का कारण बन सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में:

  • हरियाणा के आम चुनाव में बीजेपी 10 से पांच इंच आगे. नौ कांग्रेस पर लड़की थी पर वह पांच पर डेमोक्रेट. ऐसे में साफा है कि उसकी रेशियो बीजेपी से ज्यादा है. राज्य में बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत के जो भी कारण थे, वे स्थिर समय में भी बने हुए हैं।
  • साल 2019 में जिस देश में शहीद हुए थे. दिलचस्प बात है बीजेपी की ओर से टैब 47 से कम बजट 40 पर आ गई थी। इस बार के चुनाव में नई पेशकशें और भी कम हो सकती हैं। ऊपर से बीजेपी का वोट शेयर भी लगातार गिर रहा है. 2024 में यह और गिरेगा, यह खतरा है। अगर बीजेपी और कांग्रेस के वोट शेयर में 10% का अंतर हुआ तब उनका सूपड़ा तक साफ हो सकता है 10 से 15 वह सीनेट तक ही पहुंच सकते हैं।
  • हरियाणा में सबसे पहले मनमोहक लाल गढ़वाली भाजपा सरकार के सीएम थे। बाद में उनकी जगह पर मूल सिंह की चटनी को गद्दी पर गाड़ दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी ने राज्य के सीएम मॅनिट में यह धारणा बना ली है कि वह एंटी-इंकंबसी का शिकार है। इन सब जांचें सही नहीं हैं. ऐसा भी लगता है कि बीजेपी ने ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे जनता माफ कर दे.
  • ब्रांड मोदी का दांव अब हरियाणा में उस तरह से नहीं चलने वाला, जैसा पहले काम कर रहा था। चुनाव से पहले आए विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष के नेता और सांसद राहुल गांधी की लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ा है। जहां पहले उन्हें 15% लोग पसंद करते थे, वहीं अब 30% लोग उन्हें पसंद करते हैं, जबकि उनके रिश्तेदार पसंद करते हैं। नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता गिरी है. पहले उन्हें 57% की पसंद थी कुछ ताज़ा सर्वे में यह पात्र 32% तक पहुंच चुका है।
  • बीजेपी की ओर से जहां खूबसूरत लाल समानता को बदनाम माना जाता है, वहीं प्यारी सिंह बोली उस कद के नहीं है, जैसा कि बीजेपी की ओर से बड़ा नेता होना चाहिए। वहीं, जहां कांग्रेस ने सीएम की घोषणा नहीं की है. इस बीच, कांग्रेस में खेमेबाजी और गुटबाजी भी इस बार कम। पार्टी ने समर्थकों को सलाम के हर-संभव का प्रयास किया, जिससे कुल मिलाकर कांग्रेस को फायदा होगा।

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