ईसीआई नोटिस: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के प्रमुख कांग्रेस और बीजेपी के बीच जंजी जंग कूड़ा हुई है। दोनों ही आश्रमों के दिग्गज नेताओं की ओर से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपों के दौर में अपनी चरम सीमा तक पहुंच चुका है। इस बीच चुनाव आयोग ने कांग्रेस और बीजेपी की ओर से मिलीं पार्टियों के अध्यक्षों को शनिवार (16 नवंबर, 2024) को दोनों ही पार्टियों के अध्यक्षों के नोटिस का जवाब मांगा है।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी की याचिका पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नोटिस भेजा है. वहीं, पीएम मोदी और अमित शाह के शपथ पत्र को लेकर कांग्रेस की याचिका पर बीजेपी अध्यक्ष जापान के छात्र ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.
बीजेपी-कांग्रेस दोनों को जारी किया गया नोटिस
कांग्रेस के स्टार प्रचारक और विपक्ष में नामांकन के नेताओं की ज़िम्मेदारी राहुल गांधी के निधन के बाद भाजपा की ओर से चुनाव आयोग में दी गई याचिका ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 18 नवंबर को नोटिस जारी किया। 1 बजे तक जवाब देने को कहा. ठीक इसी तरह चुनाव आयोग ने कांग्रेस की याचिका पर भाजपा अध्यक्ष जापान के राष्ट्रपति से भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
राहुल गांधी के खिलाफ दी गई याचिका में बीजेपी ने कहा था कि राहुल गांधी ने एससी में रहते हुए एसटी के लोगों को एकजुट नहीं किया था, यहां जाने क्या बात कही गई थी. राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि वहां एससी-एसटी समुदाय के लोग नजर नहीं आते हैं, अल्पसंख्यक समुदाय के लोग वहां नहीं जाते हैं और गरीब तबके से आने वाले लोग वहां नहीं जाते हैं।
नौकरी के लिए आरएसएस की सदस्यता लें
बीजेपी ने अपनी याचिका में राहुल गांधी के बयान का भी जिक्र किया है, जिसमें राहुल गांधी ने कहा था कि अगर आपको कहीं नौकरी मिलती है तो आरएसएस की सदस्यता ले लीजिए तो आपको कहीं भी नौकरी मिल जाएगी। वहां पर यह भी नहीं देखा जाएगा कि आपकी योग्यता क्या है या आपको क्या कुछ आता है या नहीं आता है।
राहुल गांधी पर गुजरात ले जाने का आरोप लगाया गया था
चुनाव आयोग को दी गई याचिका में बीजेपी ने राहुल गांधी के सहयोगी को महाराष्ट्र से लेकर गुजरात ले जाने वाले बयान पर भी सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की है। राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि जिन फैक्ट्री में युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए था, उन्होंने आपको चीन दिया था, आपकी जमीन आपसे छीनी जा रही है।
इनपर लगाया गया था सरकार पर काम करने का आरोप
राहुल गांधी ने अपने बयान में पीएचडी, रिसर्चर और चुनाव आयोग के ऊपर भी सरकार के गठन पर काम करने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी के बयान का जिक्र करते हुए दायर याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ने बीजेपी की ओर से चुनावी आयोग में दबाव डालने की बात कही थी. साथ में ही पीएचडी और एसोसिएट एसोसिएट का इस्तेमाल कर सरकार गिराने का आरोप था।
चुनाव आयोग का भाजपा अध्यक्ष को भी नोटिस जारी
कांग्रेस की तरह ही केंद्रीय चुनाव आयोग ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जापान के राष्ट्रीय अध्यक्ष को नोटिस जारी कर 18 तारीख दोपहर 1 बजे तक जवाब देने को कहा है. चुनाव आयोग की ओर से यह नोटिस कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से शिकायत के आधार पर जारी किया गया है।
‘केंद्रीय गृह मंत्री कांग्रेस पर आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस शून्यता के खिलाफ है’
मोदी और अमित शाहदोनों ही नेता बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूचना जारी की गई है. कांग्रेस की ओर से दी गई याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस नैतिकता के खिलाफ है, देश में उग्रवादियों को बढ़ावा दे रही है। केंद्रीय गृह मंत्री इसके अलावा झील को प्रभावित करने और करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी ऐसे ही आरोप में चुनाव आयोग को शिकायत दी गई थी. मोदी ने अपनी याचिका में यह भी कहा था कि ऐसे बयान में भाजपा ने जाति जनजाति और निचले वर्ग को एकजुट करने की कोशिश की है..
आईए आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री के वो कौन से बयान थे, इको लेकर कांग्रेस ने दी थी याचिका…
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “अगर आप एक नहीं कह रहे हैं, “आपकी एकजुटता टूट गई है तो सबसे पहले कांग्रेस आपका आरक्षण क्रांतिकारी है।”
- उन्होंने कहा था, ”अगर जनाब कम्यूनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए तो उनकी पहचान और ताकत खत्म हो जाएगी.” राहुल गांधी ने विदेश में इसकी घोषणा भी की है. हमें कांग्रेस की साजिश का हिस्सा नहीं बनाया गया है और एकजुट होना है।”
- उन्होंने कहा, “कोई भी 370 को वापस नहीं ला सकता, इसे जमीन में गहराई तक दबाया जा सकता है।”
- उन्होंने कहा, “हालाँकि, पाकिस्तान कई पूर्वी देशों से अलग है, जहाँ अब कांग्रेस बोल रही है।”
- उन्होंने कहा, ”एक पार्टी ईमानदार से अयोग्य है जो केवल तुष्टिकरण की राजनीति में स्थिर है। इस पार्टी की सदस्यता केवल सरकार में बनी हुई है और इसे हासिल करने के लिए यह जाति के आधार पर समाज को विभाजित कर रही है।”
- नरेंद्र मोदी ने कहा था, ”कांग्रेस ने कर्नाटक में लोगों से झूठ बोला, उन्हें वोट देने के लिए कहा, लेकिन उनके वादे पूरे करने में असफल रहे.”
- नरेंद्र मोदी उन्होंने कहा, “अब कांग्रेस दिनहाड़े लोगों को लूट रही है, इस पैसे का इस्तेमाल महाराष्ट्र चुनाव लड़ने के लिए कर रही है।” अगर हमें महाराष्ट्र को बचाना है तो कांग्रेस को दूर रखना होगा।”
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