महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब ज्यादातर दिन नहीं बचे हैं. ऐसे में महायुति गठबंधन प्रदेश में समर्थकों को बढ़ावा दे रही है। इसी बीच बीजेपी (शिंदे गुट) के उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा ने एबीपी न्यूज को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है। मिलिंद देवड़ा ने कहा, ”शिंदे साहब ने तय किया था और मुझसे कहा इसलिए मैं लड़ रहा हूं. मैं और मेरे स्वर्गीय पिता ने मुंबई की सेवा की है और आगे भी करना चाहते हैं।”
मिलिंद देवड़ा ने बनाई ‘बलि का बकरा’ वाली बात पर मिलिंद देवड़ा ने कहा, ”जिसको जो कहता है वह कहे।” मेरा आशय सिर्फ लोगों की सेवा करना है. आदित्य ठाकरे को जवाब देना चाहिए कि तीसरे साल में उन्होंने अपनी कांस्टीट्यूएंसी के लिए क्या किया। आदित्य ठाकरे तो वर्ली से बाहर वर्ली से चुनावी योद्धा हैं।” वहीं, आदित्य ठाकुर ने महायुति की औद्योगिक नीति के कारण बेरोजगारी पैदा करने वाले प्रोजेक्ट का विरोध किया है।
लोगों की सेवा पर फोकस
‘बंटोगे तो कटोगे’ पर देवड़ा का कहना था, ”मैंने ये बयान या ऐसे पोस्ट नहीं देखे। मेरा फोकस लोगों की सेवा पर है, जो एक न्यूनतम सीमांत हो या फिर एक नेता बनकर उभरे।
भारतीय अवसरवादी है
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन से अजित पवार क्या अलग हो सकते हैं. इस प्रश्न के उत्तर में देवड़ा ने कहा कि महायुति एक गठबंधन है और मेरा दावा है कि यह गठबंधन टूटेगा नहीं। बल्कि भारतीय लोकतंत्रवादी गठबंधन है और वह टूट सकता है।
यूवी टेकर को लेकर कही ये बात
देवड़ा ने बड़ा दावा करते हुए कहा, ”उद्धव नेता बार-बार कह रहे थे कि मुख्यमंत्री का घोषित चेहरा कर दिया जाए, लेकिन उनके नाम का खुलासा नहीं किया गया.” इसका मतलब यह है कि यह अवसरवादी गठबंधन है और एनेचुरल अलायंस है।
बाबा बाबा की हत्या पर उषा ठाकुर को घेरा
वहीं बाबा की हत्या और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर लेक्चरर मिलिंद देवड़ा ने कहा कि जब मुख्यमंत्री थे और एक बड़े पुलिस वाले बड़े अधिकारी उद्योगपतियों के घर के बाहर जिले में तैनात थे और एक्सटॉर्शन कर रहे थे… तो वह क्या थे? उस समय के न्यूज़ चैनलों ने डिबेट क्यों नहीं किया? बाबा के साथ जो घटना घटी वह अत्यंत रूपांतरित है और उस पर एक्शन हो रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉ और अनमोल का कोई इशू है।
फ्रीबीज़ और डायरेक्ट बेनिटिट में फ़ायदा होता है
महाराष्ट्र में फ्रीबीज और राजकोष पर पढ़ रहे प्रभाव को लेकर देवड़ा ने कहा, “फ्रीबीज और डायरेक्ट बेनिट सीट करने में बहुत दिक्कत होती है और हम फ्रीबीज की राजनीति नहीं करते। हाँ, लेकिन मेरा मानना है कि सभी राजनीतिक आश्रमों को इस पर सहमति बनानी चाहिए।”
जातिवादी राहुल गाँधी को घेरा
राहुल गांधी के संविधान और जातीयता वाले मुद्दे को लेकर देवड़ा ने कहा, ”जैसे हरियाणा ने संविधान का नाम बाखने और जाति धर्म के नाम पर विभाजन करने की राजनीति को खारिज किया, वैसे ही महाराष्ट्र का भी नामकरण किया गया.” उनकी पार्टी के नेताओं को इस बात का दुख है कि गांधी-नेहरू की जो पार्टी कभी जाति धर्म की राजनीति नहीं करती थी वह आज समाज को बांटने का काम कर रही है।
अपने ही सिद्धांतों को छोड़ दिया है कांग्रेस ने
उन्होंने जो बयान दिया था, उसमें कहा गया था कि कटर की बातें करते हैं, जो देवड़ा पर बंटते हैं, उन्होंने कहा था कि लोग मुझे अकबर से जानते हैं, मैं ऐसी राजनीति में विश्वास नहीं करता। किसी को भी ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए और कांग्रेस भी अपने सिद्धांतों को ठीक करने के लिए समाज को धर्म और जाति के नाम पर विभाजित कर रही है।
फिर जाएगी शिंदे सरकार
मिलिंद देवड़ा से यह भी पूछा गया कि चुनाव में महायुति के कितने शेयर शामिल हैं। इसपर देवड़ा ने कहा कि नंबर में नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन शिंदे साहब के काम के दम पर महाराष्ट्र की जनता फिर से हमारी सरकार बनवाएगी।
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