1. सनस्क्रीन न लगाना: बहुत से लोग मानते हैं कि सनस्क्रीन सिर्फ़ धूप वाले दिनों में ही ज़रूरी है। हालाँकि, UV किरणें बहुत हानिकारक हो सकती हैं, यहाँ तक कि बादल वाले और बरसात वाले दिनों में भी। हमेशा कम से कम SPF 30 वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएँ। (छवि स्रोत: कैनवा)
2. स्कैल्प की स्वच्छता की अनदेखी करना: पसीने और नमी का संयोजन आपके स्कैल्प को संक्रमण और रूसी के लिए प्रजनन स्थल बना सकता है। सुनिश्चित करें कि आप अपने बालों को नियमित रूप से हल्के शैम्पू से धोते रहें। यदि आप बारिश में भीग जाते हैं, तो प्रदूषक और वर्षा जल अवशेषों को हटाने के लिए अपने बालों को धोएँ। फंगल संक्रमण और अन्य स्कैल्प समस्याओं को रोकने के लिए अपने स्कैल्प को साफ रखना आवश्यक है। (छवि स्रोत: कैनवा)
3. भारी क्रीम और तैलीय उत्पादों का उपयोग करना: भारी क्रीम और तेल आधारित उत्पाद छिद्रों को बंद कर सकते हैं, जिससे नम मानसून के मौसम में मुहांसे और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके बजाय, हल्के, गैर-कॉमेडोजेनिक मॉइस्चराइज़र और सीरम का उपयोग करें जो आपकी त्वचा को चिपचिपा बनाए बिना हाइड्रेट करते हैं। यह तरीका त्वचा के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और मानसून के मौसम में छिद्रों को बंद होने से रोकता है। (छवि स्रोत: कैनवा)
4. हाइड्रेशन की अनदेखी: मौसम में नमी की कमी हो सकती है, लेकिन अपनी त्वचा को अंदर से हाइड्रेट रखना बहुत ज़रूरी है। सुनिश्चित करें कि आप खूब पानी पिएं और अपने आहार में हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ शामिल करें। साथ ही, दिन भर अपनी त्वचा को तरोताज़ा रखने के लिए हाइड्रेटिंग फेशियल मिस्ट का इस्तेमाल करें। (छवि स्रोत: कैनवा)
5. ठीक से न सुखाना: बारिश में भीगने के बाद, फंगल संक्रमण और त्वचा की जलन से बचने के लिए ठीक से सूखना ज़रूरी है। संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि इन पर नमी जमने का ख़तरा ज़्यादा होता है। (छवि स्रोत: कैनवा)
6. ज़रूरत से ज़्यादा एक्सफ़ोलीएटिंग: एक्सफ़ोलीएटिंग से मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद मिलती है, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा एक्सफ़ोलीएटिंग से आपकी त्वचा से आवश्यक तेल निकल सकते हैं और इसकी प्राकृतिक बाधा को नुकसान पहुँच सकता है। महीने में एक या दो बार एक्सफ़ोलीएटिंग तक ही सीमित रहें, और अपने त्वचा विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार अपनी त्वचा के प्रकार के लिए उपयुक्त सौम्य एक्सफ़ोलीएटिंग का उपयोग करें। (छवि स्रोत: कैनवा)
इनपुट्स: डॉ. चारु शर्मा, क्योरस्किन में त्वचाविज्ञान प्रमुख (छवि स्रोत: कैनवा)
प्रकाशित समय : 26 जून 2024 01:17 PM (IST)